बारिश दस्तक संग असमय काल बन जाएंगे सांप

जागरण संवाददाता मऊ बारिश का मौसम दस्तक दे चुका है। ऐसे में सभी जगहों पर जलभराव से सप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 06:55 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 06:55 PM (IST)
बारिश दस्तक संग असमय काल बन जाएंगे सांप
बारिश दस्तक संग असमय काल बन जाएंगे सांप

जागरण संवाददाता, मऊ : बारिश का मौसम दस्तक दे चुका है। ऐसे में सभी जगहों पर जलभराव से सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध कराता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटना होने पर उनको घर के नजदीक ही एंटी स्नेक वेनम देकर मरीज की जान बचाई जाती है, वहीं देरी होने पर पीड़ित की जान भी जा सकती है। एक मरीज को दस से अधिक एंटी स्नेक वेनम लगते हैं। जनपद में जिला अस्पताल सहित नौ सीएचसी के साथ पांच पीएचसी पर एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है। सबसे ज्यादा परेशानी सरयू के बाढ़ के कहर के दौरान देवारावासियों की होती है। ये लोग बेघर हो जाते हैं। ऐसे में इनके जान को खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में सीएमओ ने समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। जिले के अधिकतर पीएचसी पर स्वास्थ्यकर्मियों के रहने की सुविधा ही नहीं है। जबकि सीएचसी पर आपातकाल 24 घंटे उपलब्ध रहती है। लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल ही आना पड़ता है।

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फोटो ..ज्यादातर लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है : डा. संजय

शारदा नारायण हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. संजय सिंह ने बताया कि भारत में 550 किस्म के सांप हैं। इसमें कोबरा, वाइपर व करैत काफी जहरीले हैं। इसके अलावा सात अन्य सांप भी जहरीले होते हैं। बाकी सब सांप नान प्वाइजनस हैं। इसका मतलब यह हुआ कि 540 सांप ऐसे है जिनके डसने से आपको कुछ नहीं होगा। लेकिन सांप के डसने का डर इतना है कि कई बार आदमी हार्ट अटैक से मर जाता है। ऐसे में सांप डसने पर कोई भी डर नहीं होनी चाहिए। कोबरा और करैत सांपों में न्यूरो टोक्सिक जहर पाया जाता है। यह जहर ब्रेन को डेमेज करता है। वाइपर प्रजाति के सांपों में हिमोटोक्सिक होता है। ये सीधे हार्ट को नुकसान पहुंचाता है। चौथी जहरीली प्रजाति रसल वाइपर है। भारत में वाटर सील बैग या चिकड़ स्नेक की संख्या ज्यादा है। जो जहरीले नहीं होते हैं।

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पिछले वर्ष से अबतक की स्थिति ....

अस्पतालों में सर्पदंश के आए केस- लगभग 300

कुल सर्पदंश से मौत : लगभग 40

छह स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध वायल : 386

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सांप के डसने पर ये बरतें सावधानियां ::::

-घाव को पानी से साफ कर लें।

-तनाव बिल्कुल भी नहीं लें।

-जिस अंग पर सांप ने डसा है उसे स्थिर रखने का प्रयास करें।

-अंग के आसपास किसी भी प्रकार का कट नहीं लगाएं, टिटनेस हो सकता है।

-कपड़ा या धागा बांधते समय थोड़ा गैप रखें। कपड़ा या धागा टाइट बांधने पर अंग काटने की स्थिति भी बन सकती है।

-डसने वाले सांप का फोटो जरूर खींच लें, इससे डाक्टर को इलाज करने में आसानी होती है।

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किन अस्पतालों में कितने एंटी स्नेक वायल उपलब्ध ........

जिला अस्पताल---- कुल 340 वायल, इसमें 20 इमरजेंसी में है।

सीएचसी कोपागंज : 10 वायल

सीएचसी घोसी : 10 वायल

सीएचसी दोहरीघाट : 20 वायल

सीएचसी फतेहपुर मंडाव : 100 वायल

सीएचसी बड़रांव : 05 वायल

सीएचसी रानीपुर : 10 वायल

सीएचसी रतनपुरा : 10 वायल

सीएचसी परदहां : 00

पीएचसी बगली पिजड़ा और उमापुर : 02- 02 वायल

सीएचसी मुहम्मदाबाद गोहना : 10 वायल

पीएचसी भदीड़, करहां और भातकोल : 05-05 वायल

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शहर के तीन निजी अस्पतालों में उपलब्ध है एंटी स्नेक वेनम

सर्पदंश के केस सरकारी अस्पताल के साथ निजी अस्पतालों में भी जाते हैं। शहर के तीन निजी अस्पताल शारदा नारायण, फातिमा अस्पताल और प्रकाश अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध हैं। इसकी कीमत पांच सौ रुपए से लेकर सात सौ तक है। सांप के डसने के बाद मरीज को एंटी स्नेक वेनम के कई डोज देने होते हैं लेकिन यह सांप के जहरीले होने पर निर्भर करता है।

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