अगले माह एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना होगा सकार
अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना साकार होने वाला है।
जागरण संवाददाता, मऊ : अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना साकार होने वाला है। नियत समय पर इसे आमजन के लिए खोलने को लेकर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 75 फीसद कार्य पूरा हो चुका हैं। होली तक एक्सप्रेस-वे के एक साइड की तीन लेन पर आवागमन शुरू करने की तैयारी है। एक्सप्रेस-वे पर आवागमन शुरू हो गया तो लोग अपने वाहन से 3:30 से 04 घंटे में लखनऊ पहुंच सकेंगे। इसके लिए जहां मिट्टी का कार्य बाकि है, वहां एनटीपीसी टांडा के कोयले की राख से काम चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर एनएच 731 पर स्थित ग्राम चांदसराय से शुरू होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर गाजीपुर जनपद के हैदरिया के पास समाप्त हो रहा है। हालांकि इसे अब सीधे बलिया तक फोरलेन से भी जोड़ा जा रहा है। 340 किलोमीटर तक की लंबी एक्सप्रेस-वे लखनऊ से बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को सीधे सिक्सलेन से जोड़ रही है। इस एक्सप्रेस-वे जहां पिछड़े पूर्वांचल में रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं प्रदेश मुख्यालय आना-जाना भी काफी सुगम हो जाएगा। पहले मऊ से लखनऊ आने-जाने में लोगों को सात से आठ घंटे लगते थे, अब वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनने के बाद चार घंटे में पहुंच जाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है, जो कि पूरी तरह निर्मित होने के बाद यूपी के 10 जिलों से होकर गुजरेगा। 31 मार्च तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। संभावना है कि 15 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं। आठ लेन तक हो सकता है विस्तार
भविष्य में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 08 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। इतना ही नहीं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक विशाल औद्योगिक कारिडोर भी बन जाएगा। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा। इसके परिणाम स्वरूप राज्य के समग्र विकास की उम्मीद भी जताई जा रही है। बारिश की एक-एक बूंद सहेजेगी लाइफलाइन
पूर्वांचल की लाइफलाइन कहे जाने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जहां व्यवसाय, उद्योग व रोजगार के अवसर प्रदान करेगी वहीं जल संचयन में भी सहायक होगी। लखनऊ से गाजीपुर तक 120 मीटर चौड़ाई पर अपने ऊपर गिरने वाली बारिश की हर एक बूंद को खुद एक्सप्रेस-वे सहेजेगी। 340 किलोमीटर लंबे सिक्सलेन के हर 500 मीटर की दूरी पर 'ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम' के जरिए पानी का संचय किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे किनारे ड्रेन में बोरिग कर जालीनुमा पाइप के सहारे पानी को सहेजा जाएगा। नंबर गेम--
-340 किलोमीटर कुल लंबाई
-22494.66 करोड़ अनुमानित लागत
-170 जगहों पर लगेगा ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम
-07 रेलवे ओवरब्रिज
-07 दीर्घ सेतू
-07 टोल प्लाजा
-06 रैंप प्लाजा
220 - अंडरपास
-496 पुलिया प्वाइंटर--
पैकेजवार प्रगति--
पैकेज - लंबाई (किमी में) - प्रगति (फीसद में)
पैकेज एक- 40.47 - 70.13
पैकेज दो - 39.70 - 73
पैकेज तीन - 41.70 - 88.89
पैकेज चार - 42.70 - 81.34
पैकेज पांच - 54 - 76.23
पैकेज छह - 28.20 - 67.59
पैकेज सात - 46.08 - 74.26
पैकेज - आठ - 37.97 - 73.30