बुनकरों को ऋण देकर बनाया जाएगा आत्मनिर्भर
जागरण संवाददाता मऊ कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में टूट चुके बुनकरों के जीवन स्तर क
जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में टूट चुके बुनकरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने ओडीओपी के तहत पहल पर पहल कर रही है। प्रभावित हुए सूक्ष्म और लघु उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए हर हाथ को रोजगार देने की कवायद की जा रही है।
इसी के तहत शासन की तरफ से एक जनपद एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वित्त पोषण योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत जनपद में 42 बुनकरों को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत विभिन्न विधाओं में कार्यरत या कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों को 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों व अन्य शेड्यूल्ड बैंकों द्वारा वित्त पोषण किया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा मार्जिनमनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। लाभार्थियों के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। आवेदकों के साक्षात्कार के लिए कमेटी की बैठक माह में एक बार आयोजित की जाएगी। चयन के उपरांत लाभार्थी का आवेदन सात दिनों के भीतर बैंक शाखा को भेज दिया जाएगा और एक माह के अंदर बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा। ऋण स्वीकृत होने के एक सप्ताह के अंदर मार्जिन मनी की धनराशि लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
कितने कर्ज पर कितना मिलेगा मार्जिन मनी
योजना के तहत 25 लाख तक की परियोजना लागत की इकाइयों को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 6.25 लाख रुपये मार्जिन मनी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार 25 लाख से अधिक एवं 50 लाख रुपये तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए 6.25 लाख रुपये अथवा लागत का 20 फीसदी मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा। 50 लाख से अधिक एवं 150 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों को 10 लाख रुपये अथवा लागत का 10 प्रतिशत, जो भी अधिक हो को मार्जिन मनी दी जाएगी। इसके अलावा 150 लाख रुपये से अधिक की परियोजना लागत वाली इकाइयों को लागत का 10 प्रतिशत अथवा 20 लाख रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। पात्रता की शर्तें ...
आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। वित्त पोषण की सुविधा केवल ओडीओपी उत्पाद की इकाइयों को ही मिलेगी। आवेदक या इकाई किसी भी राष्ट्रीय बैंक वित्तीय संस्था एवं सरकारी संस्था आदि का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। आवेदक भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त न किया गया हो, उनको ही मार्जिन मनी का लाभ मिलेगा। आवेदक व उसके परिवार के किसी सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जाएगा। किसी भी कार्यदिवस पर आवेदक उपायुक्त उद्योग के कार्यालय पर आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद उनके आवेदन पर विचार कर उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि उनके रोजगार को अमलीजामा पहनाया जा सके।
-राजेश रोमन, उपायुक्त उद्योग।