ईंट-पत्थर ढोकर जीवन-बशर करने को विवश हैं बुनकर

जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) स्थानीय कस्बे में स्थित अशरफिया लाइब्रेरी में बुनकर यूनियन के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। इसमें बुनकरों की बदहाली चिता व्यक्त की गई। यूनियन के पूर्व महासचिव जावेद अख्तर भारती ने कहा कि आज बुनकरों की दशा जितनी खराब है इतनी पहले कभी नहीं हुई थी। बुनकर मजदूर भुखमरी के कगार पर है। अब बहुत से बुनकर मजदूरी वाला कार्य करने को विवश हैं। सिर पर ईंट पत्थर ढोकर अपना जीवन का गुजर बसर कर रहे हैं। जावेद भारती ने कहा कि कमियां अपने अंदर भी हैं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:55 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:55 PM (IST)
ईंट-पत्थर ढोकर जीवन-बशर करने को विवश हैं बुनकर
ईंट-पत्थर ढोकर जीवन-बशर करने को विवश हैं बुनकर

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : स्थानीय कस्बे में स्थित अशरफिया लाइब्रेरी में बुनकर यूनियन के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। इसमें बुनकरों की बदहाली चिता व्यक्त की गई। यूनियन के पूर्व महासचिव जावेद अख्तर भारती ने कहा कि आज बुनकरों की दशा जितनी खराब है, इतनी पहले कभी नहीं हुई थी। बुनकर मजदूर भुखमरी के कगार पर है। अब बहुत से बुनकर मजदूरी वाला कार्य करने को विवश हैं। सिर पर ईंट पत्थर ढोकर अपना जीवन का गुजर बसर कर रहे हैं। जावेद भारती ने कहा कि कमियां अपने अंदर भी हैं, बुनकरों में ही कुछ ऐसे हैं जिन्हें आज के समय में भी खाने का स्वाद नहीं मिलता है और वह अपने सभी सुविधाओं का बखान करते हैं। गरीब बुनकरों का म•ाक उड़ाते हैं। बुनकरों का एक तबका ऐसा है जो गरीब  बुनकर मजदूरों की मजदूरी घटाना समस्याओं का समाधान मानता है। गरीब बुनकर किससे लड़ाई लड़े, सरकार से या अपनी हालात से। उन्होंने कहा कि बुनकरों के समक्ष दूसरी बहुत बड़ी समस्या विद्युत मूल्य के प्रति माह भुगतान की है। पासबुक पर विद्युत विभाग द्वारा भुगतान नहीं किया जाता और सरकार इस प्रकरण स्पष्ट नहीं करती है। परिणाम स्वरूप बुनकर एक तो भूखा दूजे कर्जदार होता जा रहा है। ऐसे में बुनकरों की मांग है कि पांच किलो वाट तक के बुनकरों का माहवारी विद्युत मूल्य दर निर्धारित कर पूर्व की भांति पासबुक सुविधा बहाल किया जाए। भले ही मूल्य दरों में कुछ बढ़ोत्तरी कर लिया जाय। बैठक की अध्यक्षता जमालु उललैल अंसारी ने की। इस अवसर पर इफ्तिखार अहमद अंसारी, खालिद कमाल, ऐनुल मुजफ्फर, हाजी शादाब खान, मौलाना हशमतुल्ला, हाजी फजले अहमद, ज्याउल मुस्तफा, अब्दुल करीम, शफीक अहमद आदि उपस्थित थे।

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