लाल निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर जलस्तर ठहरा

जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) नेपाल के विभिन्न बैराजों से तीन चरणों में 11 लाख क्यूसेक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:18 PM (IST)
लाल निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर जलस्तर ठहरा
लाल निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर जलस्तर ठहरा

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : नेपाल के विभिन्न बैराजों से तीन चरणों में 11 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू नदी एक बार फिर कहर बरपा रही है। नदी का जलस्तर लाल निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर 70.27 पर ठहर गया है। जलस्तर के तेजी से बढ़ने के बाद नदी का पूरा दबाव बंधों पर पड़ने लगा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अधिकारियों ने मजदूरों के साथ चिऊटीडांड-धनौली रिग बंधे पर डेरा डाल दिया है। इसके साथ ही बंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

इधर, बंधों के नीचे की सभी फसलें बाढ़ के पानी में डूबकर पहले ही बर्बाद हो गई थीं। अब फिर बाढ़ के पानी ने बर्बाद फसलों को अपने आगोश में ले लिया है। नदी का जलस्तर शनिवार की रात तक एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है। जो तबाही की निशानी को दर्शाता है। वहीं सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विरेंद्र पासवान ने बताया कि नेपाल द्वारा गिरजा बैराज, शारदा व सरयू बैराज से 11 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर अभी और बढ़ने की संभावना है तथा 70:50 मीटर के पास भी पहुंच सकता है। इससे तटवर्ती इलाके के लोगों को आगाह कर दिया गया है। वहीं अभी जलस्तर घटने के बाद एक सप्ताह पूर्व दिन पहले ही रेग्युलेटर उठाए गए थे लेकिन जलस्तर बढ़ने के बाद फिर बंद कर दिए गए हैं। इससे बंधों के दोनों तरफ पानी लबालब भरा हुआ है। इधर किसान बरसात के पानी के जल निकासी के लिए मोटर पंप की मांग कर रहे हैं। इससे हजारों एकड़ बर्बाद होने से बचाया जा सके। चिऊटीडांड, औराडाड़, नई बाजार, नवली, सरहरा, छुतिहर, लामी, तारनपुर, कादीपुर, गोड़ौली, धनौली, रामपुर, बहादुरपुर, पत्तनई, कोरौली, उसरा बेलौली, सोनबरसा समेत तटवर्ती इलाके के गांवों की फसलें बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो रही है। इनसेट--

कटान रोकने वाली 20 करोड़ की परियोजना का निकल रहा दम

कटान रोकने के लिए मुक्तिधाम, गौरीशंकर घाट से लेकर डीहबाबा की कुटी तक करीब 20 करोड़ की परियोजना का दम निकलता जा रहा है। इस लागत से बने बोल्डर की पीचिग अपरन बाढ़ के पानी में बह रहे हैं। इससे नगर की ऐतिहासिक धरोहरों पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। मुक्तिधाम श्मशान घाट पर पीचिग अपरन लाचिग पैड घाघरा के कटान में समाते जा रहे हैं। यही हाल वृद्धाश्रम के पास का है। खाकी बाबा की कुटी के पास भी बोल्डर खिसक रहे हैं। इसे सिचाई विभाग पुन: भरने का प्रयास कर रहा है।

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