लाल निशान के करीब पहुंचा जलस्तर, बढ़ाव जारी
पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही मुसलधार बारिश।
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही मुसलधार बारिश व नेपाल से छोड़े गए पानी से सरयू नदी उफान पर है। जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। इससे तटवर्ती इलाकों में दहशत फैल गई है। जलस्तर में निरंतर वृद्धि को देखते हुए निकटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका फैल गई है। शनिवार को जहां नदी का जलस्तर गौरीशंकर घाट पर 69.20 मीटर पर था, वहीं रविवार को जलस्तर 69.35 मीटर पर पहुंच गया। इस तरह नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटे में 15 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। नदी खतरा बिदु 69.90 के सापेक्ष 55 सेंटीमीटर नीचे है।
जून माह में ही सरयू नदी के तेजी से बढ़ते जलस्तर से नगर के ऐतिहासिक धरोहरों मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, राम-जानकी मंदिर, दुर्गा मंदिर, शाही मस्जिद, हनुमान मंदिर, लोक निर्माण के डाक बंगला आदि पर खतरा मंडराने लगा है। नदी में और जलस्तर बढ़ा तो यह एतिहासिक स्थल कटान की जद में आ जाएंगे। वहीं तटवर्ती इलाकों में नदी के खतरा बिदु पार करते ही कभी भी गांवों में पानी के घुसने की आशंका से लोग भयभीत हो रहे हैं। वहीं सिचाई विभाग अपने संसाधनों से बाढ़ आने की स्थिति में बचाव का हर संभव प्रयास कर रहा है। घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर से नवली और सूरजपुर के इलाकों में खेती योग्य भूमि नदी की तेज रफ्तार के साथ कट रही है। शनिवार से रविवार तक 24 घंटे में दर्जनों बिस्वा जमीन कटान की जद में आ गई।
बारिश से गिरा मुर्गीपालन शेड, 4.50 लाख का नुकसान
जागरण संवाददाता, चिरैयाकोट (मऊ) :कमथरी नूरपुर में शनिवार की रात हुई तेज बारिश के चलते मुर्गीपालन शेड भर-भराकर गिर गया। इसमें लगभग 3500 मुर्गियां व उनके चूजे दब गए। वहीं मुर्गों को खिलाया जाना वाला दर्जनों बोरा दाना भी पूरी तरह बर्बाद हो गया। इसमें लगभग 4.50 लाख का नुकसान हुआ है। कमथरी निवासी अश्वनी राय गांव के बाहर मुर्गीपालन किए थे।