काली से मटमैली हुई तमसा नदी, बढ़ा जलस्तर
जागरण संवाददाता, मऊ : वर्ष भर नाले की शक्ल में रहने वाली तमसा नदी में कई वर्षों के बाद जलस्त
जागरण संवाददाता, मऊ : वर्ष भर नाले की शक्ल में रहने वाली तमसा नदी में कई वर्षों के बाद जलस्तर में ऊफान देखा जा रहा है। बारिश का क्रम लगातार रुक-रुक कर चलते रहने से धीरे-धीरे तमसा में रवानी आती जा रही है। पूरे वर्ष नाले जैसी काले रंग की दिखने वाली तमसा नदी में अब मटमैला रंग लिए पानी किनारों को छूने को बेताब है। नदी का बहाव तेज होने पर किनारों पर जमी वर्षों की गंदगी बह कर दूर होने के आसार बढ़ गए हैं। नदी में पानी बढ़ता देख सामाजिक संगठनों के लोगों में खुशी की लहर है।
तमसा नदी में शहर के कई नाले गिरते हैं। नालों से गिरने वाले गंदे पानी के साथ कई प्रकार के कचरे नदी में गिरते हैं। इसके अलावा कई तरह का कचरा किनारों पर गिरा दिया जाता है, जो बहने की बजाय धीरे-धीरे किनारों पर ही जमता जाता है। नदी में वर्ष भर कोई खास बहाव न होने से किनारों पर गंदगी कई-कई वर्षो से पड़ी हुई है। इस बार हनुमान घाट और ढेकुलियाघाट पुल के पास से पुराने पुल का मलबा खत्म होने के बाद नदी का प्रवाह सीधा हो गया है। श्री गंगा तमसा सेवा मिशन के संरक्षक ज्ञानेंद्र मिश्र ने कहा कि नदी के जलस्तर का बढ़ना अच्छी बारिश के शुभ संकेत हैं। वर्ष में कम से कम नदी का एक बार बढ़ना और धाराओं का तेज होकर बहना जरूरी है। इससे नदी के किनारों और तलहटी में जमी गंदगी साफ हो जाती है। गंदगी साफ होने पर नदी का प्रवाह बना रहता है।