18 सेमी घटा सरयू का जलस्तर, कटान का खतरा
जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) कई दिनों तक स्थिर रहने के बाद सरयू नदी का जलस्तर अब
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : कई दिनों तक स्थिर रहने के बाद सरयू नदी का जलस्तर अब घटने लगा है। बीते 24 घंटों में गौरीशंकर घाट पर नदी का पानी खतरा निशान से भी 18 सेमी नीचे आ गया है। सोमवार की शाम वहां जलस्तर 70.62 मीटर पर जा पहुंचा। जलस्तर घटने से नदी की लहरों का वेग और बढ़ गया है। हाहाकार मचाती लहरों ने तटीय इलाकों पर टकरा-टकरा कर दबाव बढ़ा दिया है। इससे कटान की संभावना बढ़ती जा रही है।
कस्बे के जानकीघाट पर लहरों का दबाव ज्यादा है। लहरों की मार से गौरीशंकर घाट, जानकीघाट और रामघाट सभी घाट क्षत-विक्षत हो गए हैं। रामघाट के हनुमान मंदिर तक बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। बेलौली के पास बंधा के ऊपर के ऊपर से पानी आने से गांव में पानी घुस गया है। गांव चारों तरफ से पानी से डूबा हुआ है। स्कूल, कालेज, दर्जनों प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाई स्कूल इंटर कॉलेज पानी में डूब चुके हैं सभी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बाढ़ में घिरे यज्ञमंडप व पशु आश्रय स्थल
बाढ़ की वजह से कस्बा मेला राम क्षेत्र में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। यज्ञ मंडप व पशु आश्रय केंद्र बाढ़ में घिरे हुए हैं। शहर का गंदा पानी सड़कों पर बिखरा हुआ है। इससे संक्रामक रोग फैलने का भय बना हुआ है। लोग गंदे पानी में घुस कर आने-जाने को विवश हैं। मल्लाह टोला, मेलाराम क्षेत्र, भगवानपुरा दलित बस्ती सब बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। पानी अभी निकल नहीं रहा है। नदी का जलस्तर कुछ घटा जरूर है लेकिन अभी भी मुहल्लों में जमा पानी अपनी जगह कायम है। तटबंधों के ऊपर भी बढ़ा दबाव
महुला-गढ़वल बांध, बेलौली-बीबीपुर बांध, सूरजपु- सुग्गीचौरी बांध सब पर लहरें निरंतर टक्कर मार रही हैं। बेलौली-बीबीपुर बांध अति संवेदनशील है। वहां पर नदी कटान कर चुकी है। सिचाई विभाग पेड़ों की डालियां व झाड़-झंखाड़ डाल कर कटान को रोकने में लगा हुआ है। अगर समुचित ठोस व्यवस्था नहीं हुई तो यहां खतरा हो सकता है। दर्जनों गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी
सरयू में आई बाढ़ का पानी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में फैला हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। लोगों को राहत सामग्री दी जा रही है, फिर भी लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। हरदौली, भगवान चक, तारनपुर, कादीपुर, गुड़वली, नवली सभी गांव बाढ़ के पानी से तबाह हैं। लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। प्रभावित इलाकों में नावें लगाई गई हैं। लेखपाल अरविद कुमार पांडेय तैनात हैं। लोगों की प्रतिदिन भोजन का किट बांटा जा रहा है सामग्री दी जा रही है। हर तरफ पानी ही पानी, नाव ही सहारा, राहत का आसरा
बाढ़ की वजह से चारों तरफ पानी ही पानी है। यहां तक कि लोगों को शौच में काफी परेशानी हो रही है। दर्जनों गांवों में नाव ही आवागमन का सहारा बनी हुई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन द्वारा भोजन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जिनके घरों में पानी घुसा हुआ है वे दूसरी जगह शरण ले रहे हैं। हरदौली के बाढ़ प्रभावित 260 परिवारों को भोजन सामग्री वितरित की गई है। अवराडॉड़ 68 और भगवानचक में करीब 70 परिवारों को भोजन सामग्री दी गई। तारनपुर में लोगों को समान वितरण किया गया है।