मधुबन व दोहरीघाट के दो बंधों में कटान, खतरा

जागरण संवाददाता मऊ नेपाल द्वारा लगातार छोड़े जा रहे पानी से सरयू उफना रही है। लाल ि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 06:13 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 06:13 PM (IST)
मधुबन व दोहरीघाट के दो बंधों में कटान, खतरा
मधुबन व दोहरीघाट के दो बंधों में कटान, खतरा

जागरण संवाददाता, मऊ : नेपाल द्वारा लगातार छोड़े जा रहे पानी से सरयू उफना रही है। लाल निशान से काफी ऊपर उफन रही लहरें तबाही बरपा रही हैं। जहां सुरक्षित ठिकानों की तरफ नाव से आ-जा रहे लोग काल के गाल में समा रहे हैं तो मधुबन व दोहरीघाट के बंधों पर खतरा मंडरा रहा है। मधुबन के गजियापुर स्थित रिग बांध को नदी की लहरें लगातार काट रही हैं, तो वहीं दोहरीघाट में बीबीपुर-बेलौली बंधा भी खतरे के आगोश में है। बुधवार से गुरुवार तक नदी कई मीटर तक की कटान कर चुकी है। साथ ही बंधों के कई जगहों से रिसाव भी हो रहा है। अगर जल्द बंधों की मरम्मत नहीं हुई तो बंधा टूट जाएगा। इससे सैकड़ों गांवों में तबाही मच जाएगी। प्रशासन की उदासीनता के चलते निकटवर्ती गांवों में हाहाकार मचा हुआ है।

मधुबन : तहसील क्षेत्र के गजियापुर में बगही के पास बुधवार को लगभग 30 मीटर टूटे रिग बांध की दूसरे भी दिन प्रशासनिक कवायद के बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी। इससे सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से पीड़ित परिवार तिरपाल और बांस के सहारे अपना आशियाना बनाकर भूखे प्यासे बांध पर शरण लिए हुए हैं। वही मिश्रौली में रिग बांध में कटान होने पर प्रमुख प्रतिनिधि चंद्रमणी यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रयास कर बांध में कटान से हो रहे रिसाव को रोकने का काम किया गया। वहीं जगह-जगह बांध में रिसाव के चलते ग्रामीण भयाक्रांत हो गए हैं। गजियापुर बगही के पास रिग बांध में रेनकट और रैटकट के चलते रिसाव हो रहा था, लेकिन विभाग नजर अंदाज कर दिया। बुधवार की दोपहर में जैसे ही दबाव पड़ा बांध टूट गया। इससे गजियापुर अनुसूचित बस्ती के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। ग्रामीण आनन-फानन अपने परिवार और बाढ़ से बचे सामान को लेकर बांध पर पूरी रात खुले आसमान के नीचे रहे और गुरुवार की सुबह बांस और तिरपाल से अपना आशियाना बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं लेकिन गुरुवार की शाम तक उनके भोजन या रहने के लिए राहत शिविर का प्रबंध प्रशासन नहीं कर पाया। उधर गुरुवार को सिचाई विभाग स्थानीय नागरिकों की मदद से जाल और बोरी में मिट्टी भरकर उसके सहारे बांध के मरम्मत के प्रयास में जुटा हुआ था लेकिन पानी का तेज बहाव मरम्मत में अभाव उत्पन्न कर रहा था।

दोहरीघाट : तीन किलोमीटर लंबे बीबीपुर-बिलोली बंधे का रखरखाव सिचाई विभाग नहीं कर सका। इससे जगह-जगह बंधे में दरारें आ गई हैं। नदी जब दबाव बनाती है तो गांव के लोग अपनी सुरक्षा के लिए दरार को भरते हैं लेकिन सिचाई विभाग की नींद नहीं खुलती। गौरीडीह के समीप नदी तेजी से 03 मीटर चौड़ा और 300 मीटर लंबा बांध पर दबाव बनाकर बंधे को काट रही है। इसी प्रकार ताहीरपुर में भी नदी दबाव बनाकर बांध काट रही है। इतना ही नहीं है संजय यादव के घर के सामने भी दरार डाल चुकी है। नदी उफान पर है खतरा बिदु से 01 मीटर ऊपर बह रही है। इससे तटवर्ती इलाके के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। ग्रामीणों ने बार-बार सिचाई विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दिया लेकिन 12:00 बजे तक कोई अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीण कटान को रोकने के लिए झाड़-झंखाड़ डालकर कटान को रोकने के प्रयास में लगे हैं लेकिन बंधे में जो दरार जगह-जगह बनी है वह खतरा का संकेत है। अगर बांध कटा तो बीबीपुर, ताहिरपुर, गौरीडीह, पाउस, कोरौली, पुरमोती, गोधनी, ठाकुर गांव, बसियाराम, बेलौली सहित दर्जनों गांव बाढ़ से तबाह हो जाएंगे। इनसेट

बांध में रिसाव हो सकता है खतरनाक

मधुबन : बांध के अनुरक्षण कार्य में बरती गई विभागीय लापरवाही के चलते रिग बांध में जगह-जगह रिसाव हो रहा है और पुरवा हवा उसमें आग में घी डालने का काम कर रही है। ऐसे में बांध अन्य स्थानों पर टूटा तो तबाही मचा सकती है। क्षेत्र के गजियापुर में बगही के पास रिग बांध टूटने के बाद छावनी और मिश्रौली में भी रिसाव हो रहा है। इस मौके पर पूर्व विधायक व गजियापुर के निवासी अमरेश चंद्र पांडेय ने बताया कि अगर मिश्रौली और छावनी के पास बांध टूटा तो भयंकर तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता।

पूर्व विधायक ने संभाली भोजन की कमान

मधुबन : क्षेत्र के गजियापुर में बांध टूटने से दलित बस्ती के सैकड़ों परिवारों के बेघर होकर बांध पर शरण लेने की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक उमेशचंद्र पांडेय ने राहत व्यवस्था की कमान संभालते हुए बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए कहा कि किसी भी पीड़ित को भूखा प्यासा नहीं रहने दिया जाएगा तथा उनको हर संभव सुविधा उपलब्ध कराया जाएगी। प्रशासन ने डाला डेरा

मधुबन : क्षेत्र के गजियापुर में बांध टूटने के बाद से उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक के साथ ही सिचाई विभाग के अधिकारी कैंप करते हुए अपने देखरेख में बांध के मरम्मत का कार्य करा रहे हैं। वहीं गुरुवार को दोपहर में मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बांध की मरम्मत का कार्य तेज करने का निर्देश दिया।

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