उपकरण पाकर दिव्यांगों के चहके चेहरे

जागरण संवाददाता कोपागंज (मऊ) विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सौजन्य स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 09:52 PM (IST)
उपकरण पाकर दिव्यांगों के चहके चेहरे
उपकरण पाकर दिव्यांगों के चहके चेहरे

जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सौजन्य से गुरुवार को विकास खंड मुख्यालय में आयोजित शिविर में क्षेत्रीय विधायक ने दिव्यागों को 50 ट्राई साइकिल, ह्वील चेयर, आठ जोड़ी कान की मशीन, 10 जोड़ा बैशाखी, पांच अंध छड़ी वितरित किया। उपकरण पाकर दिव्यांगों के चेहरे खिल उठे।

विकास खंड मुख्यालय में गुरुवार को विधायक द्वारा उपकरण वितरित किए जाने थे। इसके लिए सुबह से ही दिव्यांग और उनके परिजन मुख्यालय पर जुटने लगे। जिदगी के सहारा बने उपकरण के लिए सभी दिव्यागों के चेहरे पर खुशियां साफ झलक रही थी। घंटों तक इंतजार करने के बाद जैसे ही विधायक वहां पहुंचें दिव्यागों के चेहरे खिल उठे। एक-एक दिव्यागों को शिविर में बुलाएं जाने के बाद ट्राई साइकिल, हृवील चेयर आदि दिव्यांग उपकरण दिए जाने लगे तो वे खुशी से झूम उठे। दिव्यांग पैर से चलने लायक नहीं थे। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक विजय राजभर ने कहा कि दिव्यागों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। दिव्यागों के समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। उन्होंने कहा कि दिव्यागों को समाज के मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दिव्यागों को सक्षम शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। वे अपने को असहाय न समझे। उन्होंने कहा कि जो दिव्यांग शारिरिक रूप से 80 प्रतिशत चलने में असमर्थ है, उसे विधायक निधि से बैट्री रिक्शा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद कुमार यादव, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी, डीओ पंचायत शीत कुमार सिंह दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे।

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दर्जनों दिव्यांग उपकरण से रहे वंचित

जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : शिविर में उन्हीं दिव्यागों को उपकरण दिए गए जिनके रजिस्ट्रेशन पहले हो चूके थे। ऐसे में दर्जन भर ऐसे भी दिव्यांग उपकरण से वंचित रह गए जिनके रजिस्ट्रेशन नहीं हुए थे। हालांकि कुछ दिव्यागों को उपकरण प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायतों के प्रधानों के भी लेटर पैड जारी किए गए थे लेकिन दिव्यागों को प्रधान का लेटर पैड भी काम नहीं आया। घंटों तक इंतजार करने के बाद बिना उपकरण के ही निराश होकर वापस घर चले गए।

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