जांच की जद में शौचालय, कई पर गिरेगी गाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव बने शौचालय जांच की जद में हैं। इसके लिए जनपदीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जांच अधिकारियों द्वारा जांच शुरू भी कर दी गई है। इसमें एसबीएम एलओबी व यूनिवर्सल शौचालय की कुल संख्या निर्माण आदि देखा जा रहा है। हालांकि अभी नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट प्रशासन को नहीं मिली है। इसमें कई कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 10:05 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:05 PM (IST)
जांच की जद में शौचालय, कई पर गिरेगी गाज
जांच की जद में शौचालय, कई पर गिरेगी गाज

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव बने शौचालय जांच की जद में हैं। इसके लिए जनपदीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जांच अधिकारियों द्वारा जांच शुरू भी कर दी गई है। इसमें एसबीएम, एलओबी व यूनिवर्सल शौचालय की कुल संख्या, निर्माण आदि देखा जा रहा है। हालांकि अभी नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट प्रशासन को नहीं मिली है। इसमें कई कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

बीते दो अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती पर जनपद को 'ओडीएफ' खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है जबकि मिशन की वेबसाइट पर बेसलाइन सर्वे 2012 के मुताबिक अभी भी 87 फीसद शौचालय ही धरातल पर बने हैं। अभी भी बेसलाइन के लगभग 20 हजार शौचालय नहीं बने। मिशन की शुरुआत से अब तक प्रशासन आंकड़ों की बाजीगरी में लगा रहा। हकीकत यह है कि जनपद की अधिकतर सड़कें गंदगी से पटी हैं और लोगों का पूर्ण रूप से व्यवहार परिवर्तन भी नहीं हुआ है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद को दो अक्टूबर 2018 को ओडीएफ घोषित करना था। इस दौरान लक्ष्य के सापेक्ष आधे शौचालय ही बन पाए। अधिकतर जनपदों का यह हाल देखते हुए केंद्र सरकार ने तिथि को आगे बढ़ा दिया। हालांकि इस दौरान लोगों को शौचालय निर्माण कराने व व्यवहार परिवर्तन को लेकर जागरूकता अभियान भी चले। स्वच्छता मिशन के तहत बेसलाइन के बाहर वाले परिवारों का शौचालय 15 अगस्त तक पूरा कर लेना था। प्रदेश सरकार ने इसके लिए टाइम लाइन तय कर दिया था। प्रदेश सरकार के सख्त रुख को देखकर गहरी नींद में सो रहा प्रशासन भी जगा तो पर कम समय होने के नाते पूरा जोर निर्माण के बजाय जीयो टैग पर लगा दिया। इसका आलम यह रहा कि रोजाना चार से पांच हजार शौचालयों का जीयो टैग किया गया। जबकि हकीकत यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के दौर में पूरी मशीनरी होने के बावजूद भी एक दिन में बमुश्किल लगभग 2500 शौचालय ही एक दिन में जीयो टैग हो पाते थे। उस दौरान खुद जिलाधिकारी प्रकाश बिदु सुबह-शाम मॉनीटरिग करते थे। यह मिशन लगभग 87 फीसदी पर अटक गया। उधर विभाग का दावा है कि बेसलाइन में 100 फीसदी शौचालयों की जीयो टैगिग कर ली गई है।

वर्जन--

केंद्र सरकार ने बेसलाइन के आधार पर पूरे देश को ओडीएफ घोषित किया है। शासन के निर्देश पर जांच कराई जा रही है। जहां भी पुराने शौचालयों पर धनराशि उतारी गई होगी या बिना निर्माण कराए पूर्ण दिखाया गया होगा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

- संजय मिश्रा, डीपीआरओ।

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