हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई आस्था की डुबकी

जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) स्नान-ध्यान और दान-पुण्य के पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा के अ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:42 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:30 PM (IST)
हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई आस्था की डुबकी
हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई आस्था की डुबकी

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : स्नान-ध्यान और दान-पुण्य के पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने उत्तर वाहिनी मां सरयू के पावन तट स्थित विभिन्न घाटों पर पवित्र जलधार में डुबकी लगाई। स्थानीय कस्बा स्थित रामघाट, जानकी घाट, बाबा मेला रामघाट, मातेश्वरी घाट, नागा बाबा घाट आदि स्थानों पर सोमवार की भोर से आस्था का रेला उमड़ पड़ा था। इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। नदी की लहरों पर नौकाओं में पुलिस बल को तैनात किया गया था।

सोमवार की भोर से ही सरयू तट का अद्भुत नजारा था। चारों तरफ सरयू मां के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। कहीं हर-हर महादेव तो कहीं श्रद्धालुओं के स्फुट स्वर से ओम नम: भगवते वासुदेवाय के मंत्र फूट रहे थे। कहीं पर कीर्तन मंडली द्वारा कीर्तन चल रहा था। चारों तरफ का वातावरण धर्ममय हो चुका था। सूरज की लालिमा के साथ श्रद्धालु भक्तों की कतार सरयू की तरफ बढ़ रही थी। मां सरयू की अद्भुत छटा का दर्शन कर लोग धन्य हो रहे थे। स्नान के बाद रामघाट पर हजारों की संख्या में नर-नारियों ने सरयू में डुबकी लगाकर मां सरयू की आरती की, सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया। मोक्ष प्रदायिनी गो माता का चरण रज लेकर गौ-दान किया। मां सरयू को सेहरा चढ़ाकर महिलाओं ने नाव के माथे पर सिदूर लगाकर अचल सौभाग्य की कामना की। वहीं कुछ महिलाओं ने मां सरयू को प्रसन्न करने के लिए हलवा व पूड़ी चढ़ाकर मा सरयू की आरती की। घाट पर अजब गजब नजारा था। चारों तरफ का वातावरण धर्ममय था। रामघाट हनुमान मंदिर में घंटा घड़ियाल बजाकर संकट मोचन की प्रसन्नता करने के लिए श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ किया। नाव पर तैनात पुलिस पल पल की खबर उच्च अधिकारी को देते रहे। सरयू को चढ़ाया लोगों ने सेहरा

मां सरयू की आरती करने के बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाती हुई मां को फूलों का हार और सेहरा चढ़ाकर पूजा किया। मां के जल से आचमनी कर मनोकामना की सिद्धि के लिए कार्तिक पूर्णिमा पर लोगों ने मन्नतें मांगी। शिशुओं का मुंडन, सत्यनारायण की कथा

नवजात शिशुओं का मुंडन कराकर मां सरजू के जल से स्नान कराकर मां से शिशुओं के दीर्घायु की कामना की। नवजात शिशुओं का मुंडन संस्कार कराकर मां के जयकारों के साथ नृत्य मंडली के साथ खुद महिलाओं ने भी नृत्य किया।

खूब किया दान-पुण्य

नदी तट पर याचकों को दान देकर लोग पुण्य के भागी बने। मंदिरों में जाकर देवी देवताओं का आराधना की। धूप-दीप नैवेद्य के साथ मंदिरों में विधिवत श्रद्धालुओं ने पूजा की। बहुत से भक्त गोदान कर वैतरणी पार की कामना किए। पुलिस के जवान संभाले रहे कमान

कोरोना वायरस व सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस के जवान कार्तिक पूर्णिमा मेले में चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। महिला पुलिस स्नान के समय मोर्चा संभाले हुई थीं। नदी तट पर नाव पर गोताखोरों के साथ पुलिस के जवान मौजूद थे। स्नान के समय महिला पुलिस भी जगह-जगह चौकन्ना थी। नगर पंचायत द्वारा सफाई की व्यवस्था की गई थी। बैरिकेटिग के आगे स्नान करने पर पुलिस ने रोक लगा रखी थी। नाव पर अधिक आदमी न बैठें, इस बात का ध्यान दिया जा रहा था। उप जिलाधिकारी घोसी आशुतोष कुमार राय एवं क्षेत्राधिकारी घोसी धनंजय मिश्रा पूरी व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे। थाना अध्यक्ष एसएन यादव पुलिस बल के साथ निरंतर घाटों पर चक्रमण करते रहे। खाकी बाबा की अखंड ज्योति के हुए दर्शन भक्तों ने खाकी बाबा मंदिर में बरसों से जल रहे अखंड ज्योति का दर्शन किया। अखंड ज्योति के दर्शन से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं ऐसी मान्यता है। हर वर्ष श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। खाकी बाबा की तपोभूमि पर अखंड ज्योति का दर्शन कर लोग कृतार्थ होते हैं। हर को तुलसी हरि को बेलपत्र अर्पण जागरण संवाददाता दोहरीघाट मऊ कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु भक्तों ने भगवान विष्णु को उनकी प्रिय तुलसी पत्र चढ़ाकर पूजा अर्चना किया वही हरि भगवान शंकर को बेलपत्र चढ़ाकर भक्तों ने पूजा अर्चना किया मंदिरों में लोगों की श्रद्धा देखने को मिली लोग अपने-अपने तरीकों से पूजा अर्चना की कोरोना ने को भिखारीओ को बना दिया भिखारी जागरण संवाददाता दोहरीघाट मऊ कोरोनावायरस के चलते कार्तिक पूर्णिमा का मेला नहीं लगा जिसके चलते घाटों पर हर वर्ष भिखारियों का समूह भारी मात्रा में नदी के किनारे बैठा था आने वाले श्रद्धालु उन्हें अन्य और द्रविदान करते थे लेकिन कोरोनावायरस के चलते दूरदराज के तीर्थयात्री नहीं आए अगल-बगल के के लोग स्नान करने पहुंचे जिनकी संख्या बहुत कम रही भिखारियों को जो अन्न द्रव्य मिलता था हर साल की अपेक्षा बहुत कम रहा जिससे भिखारी गण काफी मायूस दिखे। रूट डायवर्जन से भीड़ का दबाव कम करने की कोशिश चौहान चौक, पुलिस बूथ, घाघरा पुल, आजमगढ़ रोड, पुराना चौक, रोडवेज, हर मोड़ पर पुलिस के जवान तैनात रहे। वाहनों का प्रवेश मुख्य चौक की तरफ से वर्जित कर दिया गया था। केवल राष्ट्रीय राजमार्ग खुला हुआ था। यात्रियों को ले जाने-ले आने के लिए चौहान चौक पर वाहनों को रोक दिया गया था। आजमगढ़ की तरफ से आने वाले वाहनों को कैलाशी देवी डिग्री कालेज के पास रोका गया था ताकि स्नान करने वालों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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