आरक्षण में आपत्तियों की भरमार, दो दिनों में आंकड़ा पहुंचा 850 पार

हाईकोर्ट के आदेश पर 2015 पंचायत चुनाव के आधार पर आरक्षण सूची के प्रकाशन होने के बाद जनसंख्या के आंकड़े पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 06:29 PM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 10:35 PM (IST)
आरक्षण में आपत्तियों की भरमार, दो दिनों में आंकड़ा पहुंचा 850 पार
आरक्षण में आपत्तियों की भरमार, दो दिनों में आंकड़ा पहुंचा 850 पार

जागरण संवाददाता, मऊ : हाईकोर्ट के आदेश पर 2015 पंचायत चुनाव के आधार पर आरक्षण सूची के प्रकाशन होने के बाद जनसंख्या के आंकड़े पर सवाल खड़े होने लगे हैं। जहां अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं तो वहीं लगभग प्रत्येक ग्राम पंचायतों में पड़ी आपत्तियों ने प्रश्न चिह्न लगा दिए हैं। इसके चलते दो दिनों तक ब्लाकों से लेकर जिला पंचायत राज विभाग में आपत्तियां डालने की भरमार सी लग गई। इसमें सबसे अधिक ग्राम पंचायतों में प्रधानों के आरक्षण पद को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं। वहीं जिला पंचायत के वार्ड के आरक्षण सहित क्षेत्र पंचायत के वार्ड व प्रमुख पदों के आरक्षण को लेकर भी शिकायतों की भरमार है। सोमवार व मंगलवार को पड़ी आपत्तियों का आंकड़ा 850 के पार जा पहुंचा। अब बुधवार व गुरुवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी एक-एक आपत्तियों का निस्तारण करेगी।

रानीपुर विकास खंड क्षेत्र के काझा निवासी कमलेश कुमार सिंह ने ग्राम पंचायत को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए जाने पर सवाल उठाया है। जिला पंचायत राज विभाग में आपत्ति देते हुए बताया है कि ब्लाक क्षेत्र का भुसुआ ग्राम पंचायत में काझा से अधिक अनुसूचित वर्ग के लोग रहते हैं। इसके चलते यहां प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जातियों के विकास के लिए काझा से अधिक राज्यवित्त व 15वें वित्त में धनराशि आती है। काझा की अनुसूचित जाति का फीसद 30.8091 है तथा भुसुआ का फीसद 30.80065 है। दोनों ही ग्राम सभाओं का फीसद 50 से ऊपर है। काझा में सामान्य वर्ग की आबादी अधिक है इसके बाद भी इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत फतहपुर मंडाव ब्लाक के दुबारी निवासी अमन ने भी आपत्ति दाखिल कर बताया है कि ग्रामसभा की कुल आबादी 19,898 है। इसमें 80 फीसदी पिछड़े वर्ग की जनसंख्या है। इसके बाद भी यह ग्राम पंचायत पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुई। इसी तरह परदहां ब्लाक के ग्राम पंचायत मानपुर की मंशा देवी ने आपत्ति दाखिल करते हुए ग्राम पंचायत को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने पर सवाल उठाया गया है। बताया है कि गांव में अनुसूचित जनजाति की कोई आबादी नहीं है। इसके बावजूद गांव एसटी में आरक्षित है।

अब तक पड़ी आपत्तियों का विवरण--

743 - ग्राम पंचायत

55 - जिला पंचायत वार्ड

02 - ब्लाक प्रमुख पद

55 - क्षेत्र पंचायत सदस्य

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