गेहूं के लिए अनुकूल है ठंड का मौसम

कड़ाके की ठंड व गलन ने जनमानस को भले ही ठिठुरने पर विवश कर दिया है लेकिन गेहूं के लिए मौसम अनुकूल है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:20 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:20 PM (IST)
गेहूं के लिए अनुकूल है ठंड का मौसम
गेहूं के लिए अनुकूल है ठंड का मौसम

जागरण संवाददाता, रामपुर बेलौली : कड़ाके की ठंड व गलन ने जनमानस को भले ही ठिठुरने पर विवश कर दिया है लेकिन गेहूं के लिए मौसम अनुकूल है। इससे गेहूं का उत्पादन अधिक होने की उम्मीद बढ़ गई है। पिछले सप्ताह के मौसम ने किसानों को काफी चितित कर दिया था। बहुत सारे किसान निजी साधन से खेतों की सिचाई कर फसल को बचाने में जद्दोजहद में लगे थे। अब इधर पिछले कई दिनों से मौसम ने साथ दिया है। इससे किसानों को राहत मिली है। ठंड के मौसम में ठंड लौटने से किसानों में खुशी है। कारण कि पिछले दिनों पछुआ हवा व तेज धूप के कारण गेहूं की फसल प्रभावित होने लगी थी लेकिन अब तापमान में आई गिरावट के कारण गेहूं के कल्ले ज्यादा निकलेंगे व दाना भी अधिक ज्यादा होगा। इस वजह से इसका उत्पादन बढ़ेगा लेकिन आलू, टमाटर, फूलगोभी आदि की फसल पर ठंड व कोहरे का बुरा प्रभाव पड़ेगा। इनके लिए धूप जरूरी हैं।

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कड़ाके की ठंड में पशुओं को भी बचाएं : डा. कन्हैया लाल

खुरहट, मऊ : कड़ाके की ठंड शीतलहर से बचाव के लिए पशुपालक अपने पशुओं से काफी सावधान रहें, ताकि कही पशुओं को ठंड न लग जाए। वर्तमान में काफी गलन हो रही है। पशुओं को चारा खिलाते समय कंबल से ढककर सुरक्षित जगह रखना चाहिए। रात में पशुओं के बांधने के स्थान पर सूखी राखी व पुआल बिछा देना चाहिए ताकि पशुओं को ठंड न लग सके और पशुओं को आजवाइन का धुआं भी करना चाहिए। यह बाते शुक्रवार को पशु चिकित्साधिकारी खुरहट डा. कन्हैयालाल ने कही।

ठंड में अलाव की व्यवस्था धराशाई

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : प्रदेश में ग्राम पंचायतों के भंग होने के बाद इस ठंड के मौसम में अलाव की व्यवस्था धराशाई हो गई है, वहीं नगर पंचायत में भी कुछ चिह्नित स्थानों को छोड़कर अधिकांश जगह अलाव की व्यवस्था न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में पहले प्रधानों द्वारा ठंड के मौसम में अलाव की व्यवस्था कर दी जाती थी लेकिन ग्राम पंचायतों के भंग होने और अभी तक पंचायत चुनाव में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से न तो पूर्व प्रधान और न ही चुनाव के दावेदार अलाव जलवाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इससे ग्रामीण अंचल में एक सप्ताह से पड़ रही ठंड में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर क्षेत्र में नगर पंचायत द्वारा सिर्फ पंद्रह स्थानों पर ही अलाव जलवाए गए हैं। इससे अन्य स्थानों पर लोग ठंड से बचाव के लिए प्लास्टिक और वाहनों के टायर जला रहे हैं। इससे वातावरण प्रदूषित भी हो रहा है। भाजपा के गिरिश गुप्त ने कहा कि ठंड से बचाव के लिए सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा लापरवाही की जा रही है। इसकी शिकायत शासन से करते हुए कार्रवाई की मांग की जाएगी।

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