सरेआम दो अधिकारियों के बीच वाकयुद्ध
तहसील परिसर में शनिवार की शाम लगभग सवा चार बजे दो पीसीएस अधिकारियों के बीच वाकयुद्ध देख लोग तमाशबीन बन गए।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : स्थानीय तहसील परिसर में शनिवार की शाम लगभग सवा चार बजे दो पीसीएस अधिकारियों के बीच वाकयुद्ध देख लोग तमाशबीन बन गए। अधिवक्ताओं के चल रहे बहिष्कार और शुक्रवार को नारेबाजी के बाद दूसरे दिन शनिवार को दो अधिकारियों के ऐसी घटना होने के चलते योगी सरकार के अधिकारियों पर अंगुली उठने लगी है।
दरअसल नगर से सटी ग्राम पंचायत कैथवली जमीन कैथवली की बेवा महिला मंता देवी अपनी जमीन की रजिस्ट्री करने आई। बैनामा का दस्तावेज प्रस्तुत होने के दौरान उसकी सास चनवती सब रजिस्ट्रार के समक्ष मंती का पुनर्विवाह होने का तर्क देते बैनामा न किए जाने का निवेदन किया। सब रजिस्ट्रार एसके यादव ने मानवीय ²ष्टिकोण के चलते विक्रेता मंती से पूछताछ किया। मंती ने खतौनी में नाम होने और दोबारा विवाह न करने के बाबत शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए बैनामा करने पर अड़ी रही। उधर उसकी सास ने कोतवाल पीएन मिश्रा से गुहार लगाया। प्रकरण समझने के बाद पुलिस ने भी पल्ला झाड़ लिया। इसके चलते उसकी सास एवं उसके संग आई महिलाएं रजिस्ट्रार कार्यालय के समीप मंती को भला बुरा कहने लगीं। हंगामा के चलते मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। इस बीच वहां पर उपजिलाधिकारी डा. छेदी लाल सोनकर भी आ पहुंचे। सब रजिस्ट्रार को बुलाकर पूछताछ करने लगे। इस बीच मूड शब्द को लेकर दोनों के बीच कुछ ऐसी बहस हुई कि तहसील परिसर में उपस्थित नागरिक एवं कर्मचारी तमाशबीन बन गए। मामला उच्चाधिाकरियों के संज्ञान में लाए जाने की सूचना है। उधर उपजिलाधिकारी ने घटना को बेहद सामान्य बताते हुए कानून व्यवस्था के नजरिए से हंगामा के बाबत पूछताछ किए जाने की बात कही है।