सम्मान निधि की किस्त मिली, गदगद हुए अन्नदाता

केंद्र सरकार ने गरीब अन्नदाताओं के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:33 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:33 PM (IST)
सम्मान निधि की किस्त मिली, गदगद हुए अन्नदाता
सम्मान निधि की किस्त मिली, गदगद हुए अन्नदाता

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : केंद्र सरकार ने गरीब अन्नदाताओं के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लागू कर खाद एवं बीज की व्यवस्था को कुछ आसान कर दिया है। इन दिनों अन्नदाता धान की नर्सरी की तैयारी कर रहे हैं या तो शीघ्र ही तैयारी में जुट जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार ने निधि की एक किस्त प्रेषित कर किसानों की आर्थिक समस्या को सुलझा दिया है। दरअसल इस वर्ष गेहूं की खरीद विलंबित चल रही है। जिन किसानों ने गेहूं बेच दिया है, उनको भुगतान नहीं मिला है। जिन किसानों ने बाजार में गेहूं बेचा है, उनके उत्पाद का भी पूरा भुगतान न मिल सका है। उधर किसान अब धान की बेहन डालने को खेत तैयार कर रहा है। खेत तैयार होने के पूर्व ही बीज एवं सिचाई की व्यवस्था करना है। आर्थिक संकट से जूझ रहे अन्नदाताओं के खाते में आवश्यकता के वक्त सम्मान निधि प्रेषित कर केंद्र सरकार ने गदगद कर दिया है।

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फाटो : किसान सम्मान निधि केंद्र की बेहद महत्वपूर्ण और सराहनीय योजना है। प्रत्येक किसान को बराबर राशि की बजाय सरकार यदि जोत के आधार पर निधि की राशि तय करे तो बड़े किसानों को काफी सहूलियत होगी।

-पंकज राय युवा किसान बेला सल्तानपुर

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फोटो : केंद्र सरकार ने जरूरत के समय किसान सम्मान निधि प्रेषित कर किसानों को काफी राहत प्रदान किया है। अवकाश के चलते खाता चेक नहीं कर सका हूं पर टीवी पर किसानों के खाते में सम्मान निधि की राशि प्रेषित किए जाने का समाचार देखा हूं।

-केदार राय बेला सुल्तानपुर

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फोटो : केंद्र सरकार की योजना किसान सम्मान निधि के कारण अन्नदाताओं को अब खेती से जुड़े छोटे कार्य के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ता है। योजना के तहत निश्चित समयान्तराल पर किस्तवार राशि प्रेषित किए जाने से किसानों को उनके जरूरत के समय पैसा मिल जाता है।

-रवींद्र राय बेला सुल्तानपुर

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फोटो : ऐन वक्त पर खाते में किसान सम्मान निधि प्रेषित करने के लिए सरकार को धन्यवाद। सम्मान निधि राशि से अन्नदाताओं को सारी समस्याएं हल तो नहीं होती हैं पर धान की नर्सरी के लिए खेत की जुताई की व्यवस्था हो जाती है।

-रूपेश राय बेला सुल्तानपुर

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