प्रभु ने किया राक्षसों का संहार तो लगे जयकारे

स्थानीय समिति द्वारा आयोजित रामलीला के मंच पर नामकरण, शिक्षा-दीक्षा, विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध व जनकपुर प्रवेश का मंचन बीती रात हुआ। गुरु वशिष्ठ द्वारा चारों भाइयों का नामकरण राम, लक्ष्मण, भारत व शत्रुघ्न किया जाता है। महाराज दशरथ के अनुरोध पर गुरु वशिष्ठ चारों भाइयों को लेकर गुरुकुल में चल देते हैं। वहां सभी प्रकार की शिक्षा देते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 04:44 PM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 09:16 PM (IST)
प्रभु ने किया राक्षसों का संहार तो लगे जयकारे
प्रभु ने किया राक्षसों का संहार तो लगे जयकारे

जागरण संवाददाता, चिरैयाकोट (मऊ) : स्थानीय समिति द्वारा आयोजित रामलीला के मंच पर नामकरण, शिक्षा-दीक्षा, विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध व जनकपुर प्रवेश का मंचन बीती रात हुआ। गुरु वशिष्ठ द्वारा चारों भाइयों का नामकरण राम, लक्ष्मण, भारत व शत्रुघ्न किया जाता है। महाराज दशरथ के अनुरोध पर गुरु वशिष्ठ चारों भाइयों को लेकर गुरुकुल में चल देते हैं। वहां सभी प्रकार की शिक्षा देते हैं। राक्षसों के अत्याचार से दुखी विश्वामित्र, राम-लक्ष्मण को लेने के लिए अयोध्या पहुंच जाते हैं। यहां राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगते हैं। राजा द्वारा मना करने पर क्रोधित होकर अयोध्या को भस्म करने के लिए श्राप के लिए कहते हैं। गुरु वशिष्ठ के समझाने पर दोनों पुत्रों राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। रास्ते में ताड़का द्वारा रास्ता रोक दिया जाता है और मारने के लिए दौड़ती है। राम के बाणों से उसका वध हो जाता है। मारीच सुभाव सहित राक्षसों के साथ राम का भीषण युद्ध होता है। सभी राक्षस मारे जाते हैं। मारीच किसी तरह जान बचा कर भागता है। महाराज जनक द्वारा अपनी पुत्री सीता का स्वयंबर की पत्रिका विश्वामित्र के यहां भेजी जाती है। मंच का संचालन अशोक कुमार अश्क ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष रामजी पांडेय, उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल, राम कुमार कोषाध्यक्ष, प्रेमचंद्र मौर्य, भूपेंद्र मौर्य, गणेश मद्धेशिया, दीपक पांडेय, मदन पांडेय, रामसागर पांडेय, प्रकाश पांडेय, हिमांशु पांडेय, महेंद्र पांडेय आदि उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी