अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे शुरू
जागरण संवाददाता मऊ जिले में बाढ़ व तेज हवा के साथ हुई मूसलधार बारिश से खरीफ सीजन की
जागरण संवाददाता, मऊ : जिले में बाढ़ व तेज हवा के साथ हुई मूसलधार बारिश से खरीफ सीजन की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है। दैवीय आपदा से ग्रस्त किसानों ने लिए खुशखबरी यह है कि क्षति के आकलन के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनी के कर्मचारी की तहसीलवार कमेटी गठित कर सर्वे कराया जा रहा है। इसमें जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई और किसानों ने बीमा कराया है उन्हें मुआवजा बीमा कंपनी देगी। इसके बाद जिन किसानों 33 फीसद या उससे अधिक का नुकसान हुआ है उन्हें आपदा के तहत मुआवजा मिलने की उम्मीद है।
खरीफ सीजन में लगभग 90 हजार हेक्टेयर खेतों में धान की फसल लगी है। इसके साथ ही मूंग, उरद तथा सब्जियां की खेती भी हजारों हेक्टेयर खेतों में बोई गई है। पिछले दिनों सरयू नदी में बाढ़ की तबाही से दोहरीघाट व फतहपुर मंडाव ब्लाक में सैकड़ों किसानों के जहां खेत नदी की कटान में समाहित हो गए तो हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। इसी तरह तमसा में आई बाढ़ से मुहम्मदाबाद गोहना, परदहा, कोपागंज व रतनपुरा ब्लाक के कई दर्जन गांव प्रभावित हुए। वहीं छोटी नदियों में भैसही से मुहम्मदाबाद गोहना व रानीपुर तथा लेढ़ई नदी से परदहा, रानीपुर ब्लाक क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेत पूरी तरह जलमग्न थे। इन खेतों में लगी-लगाई फसल पूरी तरह सड़क कर बर्बाद हो गई। वहीं सितंबर माह में मूसलधार बारिश व अक्टूबर माह की शुरूआत में लगभग 38 घंटे की लगातार बारिश तथा मध्य माह में तेज हवा संग हुई बारिश ने किसानों की गाढ़ी कमाई को बर्बाद कर दिया। इस दैवीय आपदा से लगभग 50 फीसदी फसलें बर्बाद हो गई है। बाढ़ से जहां फसलें सड़ गई तो तेज हवा संग बारिश से फसलें खेत में ही लोट गईं और खेतों में पानी भर गया। इससे 50 फीसदी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। अब जबकि राजस्व, कृषि व बीमा कंपनी की कमेटी सर्वे कर रही है तो किसानों में नुकसान हुई फसलों के मुआवजे की उम्मीद बढ़ गई है।
जो किसान प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कराए होंगे और प्रीमियम नियमित जमा कर रहे होंगे। उन्हें बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति देगी। इधर सर्वे शुरू कर दिया गया है। सर्वे के बाद पूरे जनपद की पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
- एसपी श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि।