सूरज ने तरेरी आंखें, तपिश से झुलस जा रहे चेहरे
अप्रैल के दूसरे पखवारे में सूर्यदेव आग उगलना शुरू कर दिए हैं। सूर्य भ
जागरण संवाददाता, मऊ : अप्रैल के दूसरे पखवारे में सूर्यदेव आग उगलना शुरू कर दिए हैं। सूर्य भगवान के आंखें खोल देने की वजह से लोगों के चेहरे झुलस जा रहे हैं। दोपहर में चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़ों से सड़कें वीरान दिख रही है। तालाबों व पोखरों का पानी तेजी से भाग रहा है। इसकी वजह से पशु पक्षियों के पीने के पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया है। पिछले तीन दिनों से गर्मी का पारा तेजी से बढ़ रहा है। अधिकतम पारा 43 व न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
पिछले तीन दिनों से मौसम पूरी तरह से अपने रौद्र रूप में हैं। सोमवार को भी लू के थपेड़ों के बीच चलना मुश्किल हो गया था। सड़कों पर छाया न होने से यात्री इधर उधर भटकते नजर आए। यही नहीं शहर में कहीं भी प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गई है। इसकी वजह से पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। लोग मजबूरन बोतल बंद पानी खरीदने को विवश हैं। पछुआ हवाएं लगातार दो दिनों से चल रही हैं। इसकी वजह से बाहर निकलना मुश्किल है। जो लोग निकल रहे हैं, वह बिना मुंह बंद कर व हेलमेट के बाहर नहीं निकल रहे हैं। कुल मिलाकर गर्मी धीरे-धीरे अपना रौद्र रूप धारण करते जा रही है। मुहम्मदाबाद गोहना में तेज धूप एवं बरस रही आग और भीषण गर्मी से तालाब पोखरी सूखे, नदी में पानी कम होता चला जा रहा है। पोखरी व तालाब में पानी नदारद होने से यह हाल है कि पशु पक्षियों के लिए पानी का संकट पैदा होता चला जा रहा है। यदि इसी तरह तेज धूप एवं भीषण गर्मी पड़ती रही तो जो कुछ तालाबों पोखरों में थोड़ा बहुत पानी बचा है। इस बरस रही आग से यह भी सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं। प्यास से बेहाल पशु पक्षी तड़प रहे हैं। किसी भी तालाब में पानी नहीं भरवाया गया है । गांव में मनरेगा के तहत खोदे गए आदर्श तालाब भी पानी के बिन प्यासे नजर आ रहे हैं। यदि संबंधित विभाग द्वारा गांव में जगह-जगह खोदे गए पोखरी तालाब में यदि जल्द से जल्द पानी नहीं भरवाया गया तो आगे चलकर पानी का संकट और विकराल हो जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जगह-जगह लोगों की प्यास बुझाने के लिए लगाए गए इंडिया मार्का हैंडपंप भी साथ छोड़ रहे है। बहुत से इंडिया मार्का हैंडपंप रिबोर की स्थिति में कुछ खराब पड़े हुए हैं।