कच्चे धागों में गूंथे गए प्यार भरे पक्के संकल्प

जागरण संवाददाता मऊ भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रिश्तों की प्रगाढ़ता क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 11:20 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 11:20 PM (IST)
कच्चे धागों में गूंथे गए प्यार भरे पक्के संकल्प
कच्चे धागों में गूंथे गए प्यार भरे पक्के संकल्प

जागरण संवाददाता, मऊ : भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रिश्तों की प्रगाढ़ता का अनूठा पर्व रक्षा बंधन सोमवार को पूरे जनपद में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रेशम के कच्चे धागों में घर-घर में सच्चे संकल्प गूंथे गए। बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधी, रक्षा का वचन लिया। मिठाइयां खिलाईं और उपहार पाकर गदगद हुईं। सुबह से ही भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक इस अनूठे पर्व रक्षाबंधन का हर्षोल्लास हर चेहरे पर झलक रहा था।

तड़के से ही पर्व की हलचल घरों व गली चौबारों में महसूस की जाने लगी थी। बहनों ने स्नान व पूजन करने के बाद राखी की थाल सजाई। भाइयों के माथे पर रोली-चंदन, अक्षत का टीका किया और कलाई पर सुरक्षा की गुहार और वचन में लिपटी राखी सजा दी। भाइयों ने संकल्प निभाने के वादे के साथ उपहार भी भेंट किए। पर्व को लेकर बच्चों में खूब उत्साह रहा। रंग-बिरंगे परिधान पहने व उपहार पाकर वे निहाल हो रहे थे। गांव हों या शहर, हर घर, गली, चौबारे में राखी की धूम चहक रही थी। जो बहनें दूर थीं, वे भी अपनी ससुराल से कोरोना का भय त्याग अपने भाइयों के पास पहुंचीं और उन्हें राखी बांध रक्षा का वचन लिया। इनसेट कहीं-कहीं ही दिखी पुरोहितों की परंपरा

परंपरानुसार पुरोहितों ने अपने यजमानों को रक्षा सूत्र बांधा और कान पर धान की जरई रख धर्म की रक्षा का वचन लेते हुए व्याधिमुक्त रहने का आशीर्वाद दिया। यजमानों ने भी यथा शक्ति दक्षिणा देकर उन्हें विदा किया। हालांकि आधुनिकता की बयार में अब यह परंपरा कहीं-कहीं ही दिखी।

कम पड़ा मिठाइयों का स्टॉक

रक्षाबंधन पर मिष्ठान्न की दुकानों पर कुछ ही घंटों में स्टाक खत्म हो गया। हालांकि पर्व की पूर्व संध्या पर पर लोगों मे मिठाइयों की खरीददारी कर ली थी लेकिन ज्यादातर यहां सबेरे पहुंचे थे। इससे दुकानों पर भीड़ लग गई। दोपहर होते-होते ज्यादातर विक्रेताओं के स्टाक खत्म हो गए। राखी व उपहारों की दुकानों पर भी खूब भीड़ रही।

हर ओर दिखा जाम का झाम अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए दूर-दराज ससुराल से भी बहनें मायके पहुंची थीं। कहीं भाइयों ने भी उनकी ससुराल जाकर राखी बंधवाई। इससे सड़कों पर भी खूब चहल-पहल रही। शहर से लगायत ग्रामीण अंचल तक की सड़कों पर पूरे दिन जाम का झाम रहा। वाहनों में जाती भीड़ पर्व की व्यस्तता का प्रमाण दे रही थी।

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