उच्च शिक्षा की कई दुश्वारियां घटाएगा राज्य विश्वविद्यालय
नंबर गेम 1987 में गोरखपुर से अलग होकर पूर्वांचल से संबद्ध हुए कालेज 2021 में आजमगढ़ राज्
नंबर गेम
1987 में गोरखपुर से अलग होकर पूर्वांचल से संबद्ध हुए कालेज
2021 में आजमगढ़ राज्य विवि से संबद्ध होंगे जिले के कालेज
150 डिग्री कालेज मऊ के हो चुके हैं राज्य विवि से संबद्ध
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जागरण संवाददाता, मऊ : गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1987 में अलग होकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध हुए जिले के उच्च शिक्षा के संस्थानों की संबद्धता नए शिक्षा सत्र में अब आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ से हो गई है। चालू शिक्षा सत्र में स्नातक प्रथम व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले छात्र अब आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के छात्र होंगे। प्रशासनिक तौर पर नए विश्वविद्यालय की घोषणा से जिले के 150 डिग्री कालेजों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों में जहां उत्साह है, वहीं प्राचार्यों को भी विश्वविद्यालय दूर होने की वजह से होने वाली दुश्वारियों के घटने से खुशी की लहर है।
तीन दशक पहले जिले में स्नातक तक की शिक्षा के केवल पांच संस्थान ही थे। इनमें सबसे पुराना शहर का डीसीएसके पीजी कालेज है। इसके बाद सर्वोदय पीजी कालेज घोसी, जनता पीजी कालेज रानीपुर, मर्यादा पुरुषोत्तम पीजी कालेज भुड़सुड़ी तथा संत गणीनाथ राजकीय पीजी कालेज मुहम्मदाबाद गोहना अस्तित्व में आए। हालांकि, इन तीन दशक में ही रामबचन सिंह राजकीय महिला डिग्री कालेज सहित उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या का आंकड़ा अब 150 से अधिक हो गया है। शिक्षाविदों का मानना है कि योगी सरकार ने आजमगढ़ में विश्वविद्यालय की योजना साकार कर मऊ जिले के छात्रों का भी बड़ा भला किया है। नकल पर नकेल कसनी हो या शैक्षिक प्रशासन, हर स्तर पर जिले के छात्रों एवं प्राचार्यों को इसका लाभ मिलेगा। डीसीएसके पीजी कालेज के प्राचार्य डा.एके मिश्र ने कहा कि छात्र आसानी से अब विश्वविद्यालय पहुंच सकते हैं और विवि प्रशासन से अपनी बात कह सकते हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई नए पाठ्यक्रमों को पढ़ने का लाभ भी छात्रों को मिल सकता है। इनसेट :
डीएवी कालेज होगा प्रशासनिक भवन
राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रशासनिक कार्य फिलहाल आजमगढ़ शहर के डीएवी कालेज से किया जाएगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एवं परीक्षा नियंत्रक ही अपनी नए विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य संभालेंगे। जिले के 150 प्राचार्यों को कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने का इंतजार है। वर्जन ..
आजमगढ़ में विश्वविद्यालय होने से सबको लाभ है। इससे जहां बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूरी कम होने से विश्वविद्यालय पहुंचना भी मऊ के छात्रों के लिए आसान होगा। प्राचार्याें एवं कालेजों के प्रबंधकों को भी काफी आसानी होगी।
- डा.एके मिश्र, प्राचार्य, डीसीएसके पीजी कालेज, मऊ।