बूंद-बूंद सहेजे जल, जीवन रहेगा सुरक्षित

आज निरंतर भूमिगत जल के खिसकने से पीने के पानी की किल्लत हो गई है। आज अगर मानव नहीं चेता तो आगे एक-एक बूंद अमृत के लिए तरसेगा। सोमवार को विश्व जल दिवस पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव प्रसारण दिखाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 07:23 PM (IST)
बूंद-बूंद सहेजे जल, जीवन रहेगा सुरक्षित
बूंद-बूंद सहेजे जल, जीवन रहेगा सुरक्षित

जागरण संवाददाता, मऊ : आज निरंतर भूमिगत जल के खिसकने से पीने के पानी की किल्लत हो गई है। आज अगर मानव नहीं चेता तो आगे एक-एक बूंद अमृत के लिए तरसेगा। सोमवार को विश्व जल दिवस पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव प्रसारण दिखाया गया। साथ ही लोगों को जागरूक करते हुए शपथ दिलाया गया कि वे जल को जाया नहीं होने देंगे तथा उसका संचयन करेंगे। उधर परदहां ब्लाक के बगली पिजड़ां स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर छात्राओं को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया।

पुराघाट : कोपागंज खंड विकास कार्यालय में बीडीओ देवकुमार चतुर्वेदी ने सभी ब्लाक कर्मियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। ग्राम सचिव राजन सिंह ने ग्राम पंचायत लैरोबेरुआर में निवर्तमान प्रधान सहित ग्रामीणों को जल संरक्षण करने की सलाह देकर शपथ दिलाई।

दोहरीघाट : ब्लाक के सिसवा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी नारायण राय ने ग्रामीणों को चौपाल के माध्यम से बताया कि जल को संचित करने से जीवन सुरक्षित रहेगा। कहा कि जल के ज्यादा अपव्यय करने से जीवन के लिए खतरा उत्पन्न होगा।

मधुबन : तहसील मुख्यालय पर भाजपा के भरत भैया ने कहा कि भूगर्भ जलस्तर खिसकता जा रहा है। जो चतनीय है। इससे निबटने के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार जल संचयन की दिशा में काफी काम कर रही है। इसके लिए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम को अपनाना होगा। इस अवसर पर नुपूर अग्रवाल, तहसीलदार राहुल कुमार गुप्त, तहसील बार के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी, बबलू ठठेरा, रोमित सिंह, सभासद विनोद मद्धेशिया, डब्बू चौधरी उपस्थित थे।

थलईपुर : कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी सभागार कक्ष में विश्व जल दिवस का आयोजन किया गया। प्रभारी अधिकारी ई. एसएन सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान समय मे पूरे विश्व के समक्ष मीठे जल का संकट उत्पन्न हो गया है, जो मानव, पशु एवं पादप जीवन के लिए बहुत ही गंभीर समस्या बनकर उभर रहा हैं। कार्यक्रम में विज्ञानी डा. वीके सिंह, डा. अंगद प्रसाद, डा. शैलेंद्र सिंह, डा. लाल पंकज, आरके सिंह आदि उपस्थित थे।

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