समाज को आपस में जोड़ना ही संतों का कार्य

बोझी (मऊ) : हनुमान रामचरित मानस के सबसे बड़े संत हैं। उन्होंने सबको जोड़ने का कार्य कि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Oct 2017 08:22 PM (IST) Updated:Mon, 02 Oct 2017 08:22 PM (IST)
समाज को आपस में जोड़ना ही संतों का कार्य
समाज को आपस में जोड़ना ही संतों का कार्य

बोझी (मऊ) : हनुमान रामचरित मानस के सबसे बड़े संत हैं। उन्होंने सबको जोड़ने का कार्य किया। प्रभु राम को मां सीता से, ब्रह्म को जीव से तथा सुग्रीव को राम जी से।ऐसे अनेक उदाहरण हैं। जो समाज को जोड़ने का कार्य करे वही संत और जो तोड़ने का कार्य करे वह असंत है।

यह बातें स्थानीय इंटर कालेज के प्रांगण में तीन दिवसीय श्रीराम चरित मानस कथा के दूसरे दिन आजमगढ़ से आए मानस वका पंडित बाल गोविन्द शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि शांति रूपी सीता की खोज में हनुमान जी लंका पहुंचे। राजनीति रूपी सीता को धर्म रूपी राम से मिलन कराया। राजनीति जब तक धर्म के साथ है, आदरणीय है।ज्यों राजनीति धर्म से अलग होती है, वेश्या बन जाती है।

इसी क्रम में बिहार से आए मानस वक्ता उमेश चन्द शास्त्री ने भी भगवान शिव विवाह का सुन्दर वर्णन किया। देर रात तक चले राम कथा के अंत में श्रीराम चरित मानस की आरती कर प्रसाद वितरण हुआ। इस अवसर पर आलोक जायसवाल, विनोद राय, गुलाब गुप्ता, अशोक कुमार गुप्त, जयराम प्रजापति, पवन, शम्भू सोनकर, अनिरुद्ध वर्मा, मुरली, धर्मवीर ¨सह, घनश्याम आदि उपस्थिति रहे।

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