नदी का जलस्तर स्थिर, कटान हुई तेज
सरयू नदी का जलस्तर बीते 24 घंटे से स्थिर है। अवर
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट/मधुबन (मऊ) : सरयू नदी का जलस्तर बीते 24 घंटे से स्थिर है। अवराड़ांड में नदी की धारा जहां खतरा बिदु से 29 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है तो गौरीशंकर घाट पर लाल निशान के करीब है। जलस्तर स्थिर होने से जगह-जगह नदी की कटान तेज हो गई है। इससे दोहरीघाट में पांच बीघा खेती की जमीन नदी की तेज धारा में विलीन हो गई, तो वहीं मधुबन के बिदटोलिया गांव में कटान बंद होने से लोगों को कुछ राहत मिली है।
दोहरीघाट प्रतिनिधि के अनुसार सरयू की धारा तेज होने से ब्रह्मचारी बाबा कुटी के करीब लगभग पांच बीघा जमीन कट कर नदी में समाहित हो गई। खाकी बाबा कुटी के सामने नदी दबाव बना रही है। रामपुर धनौली के समीप नदी तटवर्ती इलाकों में दबाव बनाए हुए है। नागा बाबा की कुटी के समीप नदी का पानी फैला हुआ है। महुला गढ़वल बंधे के पश्चिम लगभग 20 एकड़ जमीन पर जमी सिल्ट को नदी काट रही है। ताल-तलैया में पानी जगह-जगह भरा रहने से धान की फसल बर्बाद हो रही है। गौरीशंकर घाट पर जलस्तर 69.75 मीटर है, जो खतरा बिदु से 15 सेंटीमीटर नीचे है। वहीं अवराडांड में जलस्तर खतरा बिदु से 29 सेंटीमीटर ऊपर 70.69 मीटर पर है। नदी के उफनने से मुक्तिधाम पर नदी का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। नदी बैक रोलिग कर रही है। इससे कटान की आशंका बढ़ती जा रही है।
मधुबन प्रतिनिधि के अनुसार सरयू नदी का पानी बीते 24 घंटे के दौरान स्थिर रहा। मंगलवार की सुबह आठ बजे तहसील क्षेत्र के हाहानाला रेगुलेटर पर नदी का जलस्तर 65.45 मीटर रिकार्ड किया गया और सोमवार की सुबह आठ बजे भी जलस्तर 65.45 मीटर पर ही था। बीते 24 घंटे में पानी न तो बढ़ा है और न ही घटा है। वहीं दूसरी तरफ देवारा के बिदटोलिया गांव के पास नदी की कटान में अब कुछ राहत देखने को मिल रही है। कटान लगभग रुक सी गई है। इससे पहले लोगों की भूमि तेजी से नदी में विलीन हो रही थी, भयभीत लोगों ने अपना मकान तोड़ना शुरू कर दिया था। मंगलवार को उपजिलाधिकारी लालबाबू दुबे बिदटोलिया गांव पहुंचे और प्राथमिक विद्यालय में पनाह लिए कटान पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने लेखपाल को पीड़ित परिवार को हर प्रकार की सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया। इनसेट--
10 दिन चला अभियान, सुराग
न मिलने पर लौटी टीम
मधुबन : 10 दिन पूर्व कटान की जद में आकर सरयू नदी में लापता दोनों किशोरियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पीएसी के आठ सदस्यों की टीम द्वारा सर्च अभियान चल रहा था लेकिन सोमवार की शाम टीम निराश होकर लौट गई। टीम लीडर रामविलास यादव का कहना है कि लापता किशोरियों के शव को तलाश करने का हर संभव प्रयास किया गया। घटना स्थल के 10 से 12 किलोमीटर की रेंज में पिछले नौ दिनों से तलाशी अभियान चला मगर निराशा ही हाथ लगी। संभव है कि शायद दोनों का शव या तो नदी में विलीन मकान के मलबे में फंसा हो या नदी की तेज धारा में बह कर काफी दूर निकल गया हो।