ब्लाक मुख्यालय पर दबा दी गई अनियमितता की रिपोर्ट

तमाम कवायदों के बावजूद गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने की गारंटी देने वाली मनरेगा अनियमितता से उबर नहीं पा रही है। बीते वर्ष बड़े पैमाने पर खेतों का समतलीकरण व पौधरोपण के कार्य कागजों में कराए गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 04:49 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 04:49 PM (IST)
ब्लाक मुख्यालय पर दबा दी गई अनियमितता की रिपोर्ट
ब्लाक मुख्यालय पर दबा दी गई अनियमितता की रिपोर्ट

ाकायत, तीन माह पहले हुई थी जांच

जागरण संवाददाता, मऊ : तमाम कवायदों के बावजूद गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने की गारंटी देने वाली मनरेगा अनियमितता से उबर नहीं पा रही है। बीते वर्ष बड़े पैमाने पर खेतों का समतलीकरण व पौधरोपण के कार्य कागजों में कराए गए। इसमें नासिरपुर ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई। इसमें लाभार्थियों को पता ही नहीं चला और ग्राम पंचायत ने कागजों पर खेतों का समतलीकरण कराकर सैकड़ों की संख्या में पौधरोपण भी कर दिए। जबकि हकीकत यह थी कि खेत में आलू की खेती की गई थी। इसकी शिकायत किसानों ने प्रशासन से भी किया था। मामलों को ठंडा करने के लिए जांच भी कराई गई परंतु तीन-चार माह बीत जाने के बाद भी आज तक जांच रिपोर्ट ब्लाक मुख्यालय से आगे नहीं बढ़ सकी।

रानीपुर विकास खंड के कई गांवों में कागजों पर मनरेगा का काम चल रहा है। नासिरपुर ग्राम पंचायत ने कारनामा करते हुए जनसेवा केंद्रों से तिवारीपुर मौके के राम नारायन तिवारी तथा दिवाकर के तीन खेतों की जनसेवा केंद्र से खतौनी निकलवाकर फर्जी समतलीकरण करा लिया गया। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत ने इन खेतों में पौधरोपण कराकर हरा-भरा भी कर दिया। इसके लिए ग्राम पंचायत ने 44,000, 11,830 तथा 38,675 रुपये उतार लिए। इस कारस्तानी के दो-तीन माह लाभार्थियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने ग्राम प्रधान से शिकायत किया। इस पर प्रधान ने लाभार्थियों को रिश्वत का भी लालच दिया। इस पर लाभार्थियों ने जिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी से शिकायत किया था। इधर गांव के रामजीत यादव ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर जांच कमेटी पर जांच रिपोर्ट दबाने के मामले में कार्रवाई की मांग किया है।

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