रजिस्टर्ड 45, अवैध सोनोग्राफी सेंटरों की भरमार
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद के स्वास्थ्य विभाग में मात्र 45 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्टर्ड हैं लेकिन अवै
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद के स्वास्थ्य विभाग में मात्र 45 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्टर्ड हैं लेकिन अवैध रूप से दर्जनों ऐसे सेंटर चल रहे हैं। शिकायत पर कभी कभार छापेमारी की जाती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। विभाग की मानें तो तीन सोनोग्राफी सेंटरों के विरुद्ध पीसीपीएनडीटी एक्ट (लिग चयन प्रतिषेध नियम) के तहत एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। जिला व तहसील स्तर पर टीमें भी गठित कर दी गई हैं। जिला व ग्रामीण स्तर पर नोडल अधिकारी एसडीएम को बनाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जनपद में कुल रजिस्टर्ड सोनोग्राफी सेंटरों की संख्या केवल 45 हैं। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में आएदिन नए-नए नर्सिग होम खुल रहे हैं। यहां सोनोग्राफी सेंटर भी लग रहे हैं। इसके बावजूद रजिस्ट्रेशन कराने वालों की तादाद नहीं बढ़ रही है। बिना रेडियोलाजिस्ट के यहां ट्रेनिग लिए भी कुछ संचालक इस तरह का कार्य कर रहे हैं। विभाग की मानें तो तहसील स्तर पर एसडीएम सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित की गई है। वह अपने-अपने क्षेत्र में छापेमारी कर इसकी जांच करते हैं इसके अलावा तहसील के एसडीएम, सीएचसी, पीएचसी के डाक्टरों को भी टीम में शामिल किया गया है। यह टीम छापेमारी भी करती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करती हैं। यही नहीं अवैध सोनोग्राफी संचालक अवैध रूप से लिग की जांच भी करते हैं। यहां भोली भाली महिलाओं से इसके नाम पर हजारों रुपये वसूल भी करते हैं।
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अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती हैं तो अभियान चलाकर अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों के विरुद्ध कार्रवाई तो की ही जाएगी साथ ही साथ सेंटर को सीज भी कर दिया जाएगा।
-डा. सतीश चंद्र सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी।