भूले-भटके लोगों से छिन गया रैन बसेरा

इस भीषण ठंड में यदि किसी राहगीर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए बस या ट्रेन न मिली साथ में उसके पास पर्याप्त पैसे भी न हों तो इस गलन व कोहरा भरी शीतलहर की रात में शायद वह मौत का ही ग्रास बन जाए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Dec 2019 07:05 PM (IST) Updated:Mon, 30 Dec 2019 07:05 PM (IST)
भूले-भटके लोगों से छिन गया रैन बसेरा
भूले-भटके लोगों से छिन गया रैन बसेरा

जागरण संवाददाता, मऊ : इस भीषण ठंड में यदि किसी राहगीर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए बस या ट्रेन न मिली, साथ में उसके पास पर्याप्त पैसे भी न हों तो इस गलन व कोहरा भरी शीतलहर की रात में शायद वह मौत का ही ग्रास बन जाए। कारण कि शहर में भूले-भटके लोगों के रैन बसेरे छिन गए हैं। शहर में तीन रैन बसेरों में से महज एक ही लोगों के रुकने के लायक है।

बता दें कि जिले में तीन रैन बसेरे बनाए गए हैं। तीनों में एक जिला अस्पताल, दूसरा ब्रह्मस्थान स्थित आश्रय स्थल और तीसरा स्टेट बैंक के सामने है। जिला अस्पताल के रैन बसेरा में ताला लगा हुआ मिला। रैन बसेरा से संबंधित जानकारी देने वाला भी वहां कोई नहीं मिला। रैन बसेरे के सामने अलाव जल रहा था लेकिन तापने वाला भी कोई नहीं था। अलबत्ता रैन बसेरे के अंदर गद्दे लगे हुए दिखाई दे रहे रहे थे। लेकिन न कोई उसमें कोई रुका हुआ था और न ही रैन बसेरे से संबंधित कोई जिम्मेदार व्यक्ति दिख रहा था। ब्रह्मस्थान स्थित आश्रय स्थल रैन बसेरे में पिछले दिनों हुए उपद्रव के बाद आरएएफ के जवान ठहरे हुए हैं। इसके चलते उस रैन बसेरे में किसी बाहरी व्यक्ति के रुकने कि फिलहाल व्यवस्था नहीं है। स्टेट बैंक के सामने वाले रैन बसेरे में की देखरेख कर रहे सदानंद ने बताया कि इसकी व्यवस्था देखने के लिए दो लोगों को रखा गया है। एक वे खुद हैं और दूसरे विजय कुमार शर्मा हैं। सदानंद ने बताया कि बसेरे में कुल 26 गद्दे और इतनी ही रजाई की व्यवस्था है। रोज रात में औसतन 5-6 लोग ही ठहरते हैं। जो रुकने वाले होते हैं वो अक्सर दूर दराज के होते हैं। आधार कार्ड देखकर और उनसे संबंधित जानकारी रजिस्टर में नोट कर लिया जाता है। रैन बसेरे में रुकने वालों को खाने-पीने की बहुत दिक्कत होती है। सदानंद ने बताया कि फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के लिए रैन बसेरे में रुकने का प्रबंध है। उनसे आधार कार्ड नहीं लिया जाता है। प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था भी की गई है।

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