फोरलेन का मुआवजा अपात्र को देने से आक्रोश, प्रदर्शन
फोरलेन बाइपास के लिए एनएचएआइ की ओर से अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजा।
जागरण संवाददाता, मऊ : फोरलेन बाइपास के लिए एनएचएआइ की ओर से अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे के वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सदर तहसील के काछीकला गांव में एक और अपात्र के खाते में मुआवजे की धनराशि भेज दिए जाने ग्रामीणों में आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीणों ने क्षेत्रीय लेखपाल पर रिश्वत लेकर मुआवजा वितरण में हेराफेरी कराने का आरोप लगाते हुए बुधवार को प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
काछीकला के चंद्रदेव पुत्र मुन्नर, गोधन, रूदल, दीना, सोधन पुत्रगण मूलचंद, बालचंद, जगधारी, सुदर्शन पुत्रगण सुद्ध, पवन कुमार आदि का कहना था कि काछीकला के 909 नंबर से 33 एयर जमीन फोरलेन के लिए अधिग्रहित की गई। इसका प्रकाशन भी हुआ और मुआवजा भी बनाया गया। मुआवजे के भुगतान के लिए दो वर्ष पूर्व पत्रावली तैयार कर सीएलओ आफिस में जमा कर दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि वे गरीबी के कारण सीएलओ आफिस में सुविधा शुल्क नहीं दे पाए, जिससे उनको मुआवजा नहीं दिया गया। आरोप है कि क्षेत्रीय लेखपाल ने गांव के ही कामता प्रसाद पुत्र स्व.मुखा से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेकर एसएलओ आफिस के कर्मचारियों की मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 05 अप्रैल 2021 को 21.45 लाख रुपये कामता प्रसाद के खाते में भुगतान करा दिया। जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए वास्तविक हकदारों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। इस अवसर पर पुष्पा, बुधिया, बेचू, हेतु, नंदू, सुरेंद्र, घूरा, पप्पू समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।