मृत्यु प्रमाण के लिए लगा रहे चक्कर

पहले कोरोना में खो दिए अपने जनों का दुख दूर नहीं हुआ कि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:35 PM (IST)
मृत्यु प्रमाण के लिए लगा रहे चक्कर
मृत्यु प्रमाण के लिए लगा रहे चक्कर

जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : पहले कोरोना में खो दिए अपने जनों का दुख दूर नहीं हुआ कि दूसरी समस्या मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर उत्पन्न हो गई है। परिजन सचिव को फोन कर रहे हैं। उनका फोन नही उठ रहा है और न हीं गांव में आ रहे हैं।

रानीपुर ब्लाक के ग्रामसभा पलिगढ़ में एक माह के अंदर तकरीबन 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद आए दिन मौत का सिलसिला लगा हुआ है। इस मौत से परिजन अभी उबर ही नहीं पाएं हैं कि दूसरी समस्या उनके समक्ष मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने को लेकर उत्पन्न हो गई है। मृतक राजेश्वरी देवी, रामसोच मौर्य, प्रमोद मौर्य, शारदा देवी, जयनारायण आदि के परिजन ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं। एक माह में अब कुछ ही दिन शेष बचा है। ऐसे में कहां जाए कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। एक माह का समय समाप्त होने पर प्रकिया बढ़ जाएगी जो जिले का चक्कर काटना पड़ेगा।

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ऐसे बनता है मृत्यु प्रमाण पत्र..

एक माह के अंदर मृत्यु होने पर प्रार्थना पत्र के साथ सूचना देने वाले व मृतक के आधार कार्ड की छाया प्रति व साथ में घाट का प्रमाण पत्र सचिव को उपलब्ध कराना पड़ता है। इसके लिए ब्लाक से सचिव को आइडी व पासवर्ड निर्गत है। एक माह से एक वर्ष तक के बीच उक्त प्रमाण पत्र के साथ पांच रुपये का स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रेजरी चालान सहित डीपीआरओ आफिस जमा करना होगा। एक वर्ष से अधिक समय हेतु एसडीएम द्वारा निर्गत किया जाएगा। यहां 10 रुपये का स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रेजरी चालान करना होगा।

वर्जन

सचिव द्वारा की जा रही अनियमितता व गांव में न जाने तथा मोबाइल स्विच आफ रहने की कई बार शिकायत मिल चुकी है। हिदायत देने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। सचिव पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।

जयेश कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी।

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