चार साल पहले हुए खूनी संघर्ष के बाद भी नहीं चेती पुलिस

जागरण संवाददाता चिरैयाकोट (मऊ) स्थानीय थाना क्षेत्र के असलपुर गांव में चार साल पहले खे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 06:42 PM (IST)
चार साल पहले हुए खूनी संघर्ष के बाद भी नहीं चेती पुलिस
चार साल पहले हुए खूनी संघर्ष के बाद भी नहीं चेती पुलिस

जागरण संवाददाता, चिरैयाकोट (मऊ) : स्थानीय थाना क्षेत्र के असलपुर गांव में चार साल पहले खेत के मामूली विवाद में हुए खूनी संघर्ष के बाद भी पुलिस नहीं चेती। हालात यह हुआ कि आरोपित राहुल सिंह वारदात दर वारदात को अंजाम देकर भागता रहा। यही नहीं प्रधान मुन्ना राम बागी की हत्या भरी पंचायत में सरेआम कर डाला। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन नहीं चेता और पूर्व प्रधान के गवाह के भतीजा अरविद राम को दोबारा मौत के घाट उतार दिया। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान उठना लाजिमी है। पूर्व प्रधान मुन्ना राम बागी और राहुल सिंह से 2017 में खेत में घास और कूड़ा फेकने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि राहुल सिंह के परिवार ने पूर्व मुन्ना राम बागी के घर हमला बोल दिया था। खूनी संघर्ष में ग्राम प्रधान बागी, उनकी पत्नी, पुत्र सहित आधा दर्जन घायल हो गए थे। राहुल सिंह सहित आधा दर्जन पर एससी, एसटी सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। यहीं से गांव दो धड़े में बंट गया। असलपुर में मुख्य सड़क के पूरब बस्ती है। पश्चिम ओर राहुल सिंह का खेत है। यहीं से 50 मीटर की दूरी पर उसका घर है। राहुल सिंह पूर्व से ही अपराधी प्रवृत्ति का था। उस पर जिला के कोपागंज सहित अन्य थानों में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज था। राहुल सिंह जेल में रहते हुए भी ग्राम प्रधान रहे मुन्ना राव बागी को मुकदमा उठाने के लिए धमकी देता रहा, परंतु ग्राम प्रधान डरे नहीं। अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक सहित कमिश्नर, डीआइजी तक गुहार लगाई परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच राहुल सिंह लगातार धमकियां देता रहा। बात न बनती देख राहुल सिंह ने 08 सितंबर 2019 को आसलपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय के सामने चल रही भरी पंचायत में ग्राम प्रधान मुन्ना राम बागी पर कई गोलियां दाग दी और आराम से भाग गया।

पूर्व प्रधान की पत्नी ने राहुल सिंह सहित छह को मुकदमे में आरोपी बनाया था। इसमें पांच आरोपित जेल की हवा खा चुके हैं। राहुल सिंह को पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर उसके घर की कुर्की कर अपना पल्ला झाड़ लिया। पूर्व प्रधान की हत्या में पत्नी मीरा देवी, पुत्र अमरदीप, ग्राम प्रधान के साथी डा. शंभू राम और राम दुलारे सहित चार गवाह है। पूर्व प्रधान मुन्ना राम बागी के परिवार को सुरक्षा तो दी गई, परंतु गवाहों को कोई सुरक्षा नहीं मिली है। इसके चलते दो गवाह अरविद के चाचा डा. शंभू राम व राम दुलारे गांव से बाहर निकलने से डरते हैं। हत्या के मुकदमों से बचने के लिए राहुल सिंह अपने सूत्रों और सहयोगियों से पूर्व प्रधान के परिवार सहित गवाहों को धमकियां देता रहा। इसका पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अपनी दहशत कायम करने और आगामी पंचायत चुनाव की साजिश के तहत राहुल सिंह ने पूर्व प्रधान की हत्या में गवाह डा. शंभू राम के भतीजा को गोलियां से भूना और पुलिस सुरक्षा को ठेंगा दिखा आराम से फरार हो गया।

chat bot
आपका साथी