अभियान में अवैध शराब बंदी के दावों की खुली हकीकत

प्रदेश में अवैध शराब के सेवन से होने जब भी कोई घटना होती है स्थानीय थाना क्षेत्र में पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब की बरामदगी करते हुए अवैध शराब के धंधे पर पूर्णत लगाम लगाने का दावा कर दिया जाता है लेकिन जब छापेमारी होती है तो शराब की भट्ठियां बरामद हो जाती हैं। यह हालत प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 04:17 PM (IST)
अभियान में अवैध शराब बंदी के दावों की खुली हकीकत
अभियान में अवैध शराब बंदी के दावों की खुली हकीकत

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : प्रदेश में अवैध शराब के सेवन से होने जब भी कोई घटना होती है, स्थानीय थाना क्षेत्र में पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब की बरामदगी करते हुए अवैध शराब के धंधे पर पूर्णत: लगाम लगाने का दावा कर दिया जाता है लेकिन जब छापेमारी होती है तो शराब की भट्ठियां बरामद हो जाती हैं। यह हालत प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आती है।

स्थानीय थाना क्षेत्र के देवारा सहित दर्जनों गांवों में अवैध शराब का निर्माण और बिक्री कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां शराब की बिक्री नहीं होती है। यहां तक कि जो ईंट भट्ठे बंद हो चुके हैं, वहां भी धड़ल्ले से शराब का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीण परेशान होकर तोड़फोड़ भी करते हैं लेकिन अवैध कमाई के चक्कर मे इस धंधे पर रोक नहीं लग पाती है बल्कि और तेजी के साथ चलने लगता है। बीते जनवरी माह के शुरुआती दौर से वर्तमान समय तक पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर शराब बरामद और लहन नष्ट करते हुए कारोबारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। यहां तक सहारनपुर व कुशीनगर में शराब से हुई मौत की घटना के बाद प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की बात कहते हुए इस अवैध धंधे पर पूरी तरह लगाम कसे जाने का दावा किया गया था लेकिन बुधवार को पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में क्षेत्र के देवारा में चलाए गए अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध शराब की भट्टियों और लहन की बरामदगी ने प्रशासनिक दावों की पोल खोलकर रख दिया है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस अवैध शराब के धंधे के विरुद्ध कार्रवाई करती है तो अभियान चलने पर पुन: कहां से बड़े पैमाने पर शराब बरामद हो जाती है।

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