स्वस्थ मृदा ही बेहतर अनाज कर सकती है पैदा : डा. वर्मा
जागरण संवाददाता मऊ कृषि विज्ञान केंद्र पिल्खी में रविवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इसका
जागरण संवाददाता, मऊ : कृषि विज्ञान केंद्र पिल्खी में रविवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखना, किसानों की आय को दोगुना करना तथा विषमुक्त खेती को बढ़ावा देना है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एलसी वर्मा ने कहा कि स्वस्थ मृदा ही स्वस्थ अनाज उत्पन्न कर सकती है। इसलिए किसान भाइयों से अनुरोध किया जाता है कि वह अपनी की मिट्टी जांच कराने के उपरांत ही संतुलित उर्वरक का उपयोग करें। जीवांश की मात्रा खेत में रहेगी तो राइजोबियम, एजोटोबेक्टर, एजोस्पिरिलम, एस्पेरजिलस नाइजर, ब्लू ग्रीन एलगी जैसे नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया खेत में अपने आप पैदा होते रहेंगे जिससे खेत का स्वास्थ्य भी सुधरेगा और अनाज की गुणवत्ता भी बनी रहेगी। वैज्ञानिक डा. वीके सिंह ने कहा कि कृषक पशुपालन करके उसके गोबर और मूत्र से मृदा में जीवांश की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डा. अंगद प्रसाद ने बताया कि मृदा में 16 से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसे मृदा की जांच के उपरांत ही देना उचित रहता है। इंजीनियर एसएन सिंह चौहान ने कहा कि खेत में पराली को न जला कर उसे खेत में मिला दिया जाए। इससे खेत में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाएगी।
प्रक्षेत्र प्रबंधक लाल पंकज सिंह ने बताया कि मृदा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वर्मी कंपोस्ट, नैडेप, अजोला जैसे जैविक फर्टिलाइजर का प्रयोग करना ज्यादा उचित रहेगा। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. अजीत वत्स ने बताया की फसलों में मृदा में जीवाणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए हानिकारक कीटनाशक की जगह जैविक विधि द्वारा तैयार कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए। इस अवसर पर किसान रामू मौर्या, राजेश चौहान, बाड़ू, सावित्री देवी, शिवदत्त, नागेश्वर, जय हिद, फूलमती, किशोरी, बासमती, महेश राजभर सहित कुल 59 किसानों उपस्थित थे। कार्यालय अधीक्षक आरके सिंह, आलोक कुमार सिंह का योगदान सराहनीय रहा।