आनलाइन एसी बसों की बुकिग बंद, घट रहा राजस्व

जागरण संवाददाता मऊ रोडवेज के एसी बसों की आनलाइन बुकिग पांच माह से बंद चल रही है। इसक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:01 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:01 PM (IST)
आनलाइन एसी बसों की बुकिग बंद, घट रहा राजस्व
आनलाइन एसी बसों की बुकिग बंद, घट रहा राजस्व

जागरण संवाददाता, मऊ : रोडवेज के एसी बसों की आनलाइन बुकिग पांच माह से बंद चल रही है। इसकी वजह से रोडवेज को प्रतिदिन जहां राजस्व का घाटा हो रहा है वहीं यात्रियों को आनलाइन टिकट के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें आफलाइन टिकट पर यात्रा करनी पड़ रही है। यही नहीं अगर कोई बिना समझे साफ्टवेयर पर टिकट के लिए आवेदन करता है तो उसका पैसा भी फंस जा रहा है। इसे लेकर विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। मऊ डिपो से कुल 10 एसी बसें होकर गुजरती हैं। इसमें प्रतिदिन सुबह 7.30 बजे मऊ डिपो की एक बस लखनऊ, दूसरी बस प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से कानपुर के लिए रवाना होती है। इसके अलावा साहिबाबाद डिपो की 8:30 बजे बस दिल्ली के लिए रवाना होती है। आंबेडकर डिपो की एसी बस शाम 8:30 बजे से कानपुर को रवाना होती है। बलिया डिपो की एसी बस रात 9:00 बजे, आलमबाग डिपो की 9:30 बजे, जनरथ शताब्दी एक्सप्रेस 10:00 बजे व आलम बाग डिपो की वोल्वो रात 10:35 बजे लखनऊ रवाना होती है। इन सभी बसों की आनलाइन बुकिग होती थी। यहां ट्राइमैक्स कंपनी के तीन कर्मचारी एसी बसों की आनलाइन बुकिग का कार्य करते थे। इनका बीते फरवरी माह में कांट्रैक्ट खत्म हो गया। कंपनी इनका वेतन भी नहीं दे रही हैं। इसकी वजह से सारे कर्मचारियों कार्य बंद कर दिया है। यही नहीं कंपनी ने आनलाइन अपना साफ्टवेयर भी बंद कर दिया है। विभाग के कर्मचारियों की मानें तो यहां प्रतिदिन एक बस से 35 से 40 हजार रुपये आनलाइन टिकट की बुकिग हो जाती थी लेकिन अब यह पूरी तरह से बंद हैं। इसकी वजह से रोडवेज का राजस्व घटता जा रहा है। यह सभी बसें अब आफलाइन चल रही हैं।

--------------

आला अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है। राजस्व का लगातार घाटा हो रहा है। एसी बसों में यात्रियों को काफी सहूलियत हैं लेकिन आनलाइन बुकिग न होने की वजह से वह बुकिग नहीं कर पा रहे हैं। अब यात्री आफलाइन से एसी बसों से यात्रा कर रहे हैं। आफलाइन की वजह से परिचालक भी बसों में भर नहीं पा रहे हैं। इसकी वजह से डीजल का खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है।

-उषा सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक रोडवेज मऊ।

chat bot
आपका साथी