भीड़ देख ओमप्रकाश की तरह जोश में नहीं होश में दिखे अखिलेश

जागरण संवाददाता मऊ समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच गठबंधन के बाद

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:50 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:50 PM (IST)
भीड़ देख ओमप्रकाश की तरह जोश में नहीं होश में दिखे अखिलेश
भीड़ देख ओमप्रकाश की तरह जोश में नहीं होश में दिखे अखिलेश

जागरण संवाददाता, मऊ : समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच गठबंधन के बाद पहली महापंचायत में भीड़ का जुटना लाजिमी था। 19वें स्थापना दिवस सुभासपा के लिए यह भीड़ ऐतिहासिक थी लेकिन मंच पर सपा सुप्रीमो की मौजूदगी ने भी आस-पास के जिलों के समाजवादियों को मंच तक लाने में कम भूमिका नहीं निभाई।

भीड़ देख सुभासपा सुप्रीमो ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश को कभी वर्तमान मुख्यमंत्री तो कभी 2022 का भावी मुख्यमंत्री बनाकर कई बार ताल ठोंका लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ी संजीदगी और मजबूती से कहा कि लड़ाई अभी लंबी है। आप सबको मिल कर लड़नी होगी।

पूर्वांचल की जमीन पर सुभासपा-सपा गठबंधन के बहाने प्रदेश की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की नीयत से बुलाई गई महापंचायत में उमड़ी भीड़ ने विपक्ष को उत्साहित कर गया। मंच पर पहली बार हाथ मिलाकर खड़े हुए अखिलेश यादव एवं ओमप्रकाश राजभर ने बाबा साहब डा.भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महाराजा सुहेलदेव, ज्योतिबा फुले आदि महापुरुषों का कई बार नाम लेते हुए उनके सिद्धांतों पर चलने और एकजुट होकर सत्ता के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। सपा सुप्रीमो ने कोरोना काल की अव्यवस्था को सरकार की नाकामी बताई और कहा कि कठिन काल में न लोगों को दवाई मिली न इलाज। उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया। अब लगातार मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। दोनों ही नेताओं ने मोदी-योगी की सरकार को नाकाम बताते हुए विश्व का नंबर वन झूठा कहा।तीखे हमले भी किए लेकिन मोदी की नकल उतारते हुए जनता से संवाद करना नहीं भूला।

ओमप्रकाश जनता से भोजपुरी में बोले 'योगी जी क विदाई होवे के चाही कि न चाही' इसके अलावा 'बिजली से परेशान हव का ना हव' आदि। अखिलेश ने संवाद किया 'पूर्वांचल से भाजपा का सफाया होगा कि नहीं होगा' और 'झूठ बोलने वाली पार्टी कौन है'आदि। अखिलेश ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने प्रदेश को बर्बाद कर महंगाई के बोझ तले दबा दिया है। गरीब, वंचित, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को सम्मान दिलाने के लिए सपा-सुभासपा एक साथ आए हैं। इसलिए लड़ाई सबकी और बहुत लंबी है। चुनाव से पहले षड़यंत्र हो सकता है। 2022 के चुनाव में किसानों, नौजवानों, माताओं, बहनों को अपना भविष्य तय करना है।

उधर, मंच का संचालन कर रहे सुभासपा के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डा.संतोष पांडेय ने कई बार जोश में आए सपा कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की।

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