अब खेत में गिरने लगी धान की फसल

जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) इस मानसून सत्र में कमोबेश प्रत्येक सप्ताह में हुई हल्की या तेज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:19 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:19 PM (IST)
अब खेत में गिरने लगी धान की फसल
अब खेत में गिरने लगी धान की फसल

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इस मानसून सत्र में कमोबेश प्रत्येक सप्ताह में हुई हल्की या तेज बरसात अब धान की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। क्षेत्र में शुक्रवार के बाद शनिवार को भी बरसात के साथ तेज हवा चलने की पुनरावृत्ति के कारण खेतों में फसल गिरने का सिलिसला प्रारंभ हो गया है। इन दिनों धान की बाली निकल रही है या निकलने वाली है। इसके चलते धान के शीर्ष पर वजन बढ़ गया है। उधर प्रारंभ से ही नियमित अंतराल पर बरसात होने के चलते खेतों में अनवरत पानी है। ताल एवं पोखरे लबालब भरे होने के बीच जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में रोपाई के बाद से ही पानी में डूबी जड़ कमजोर हो गई है। शीर्ष पर वजन एवं जड़ कमजोर होने की स्थिति में हवा चलते ही फसल गिर रही है। आबादी से दूर एवं कम उपजाऊ खेतों में तो फसल नहीं गिरी है पर आबादी के समीप उपजाऊ खेतों में धान के पौधे गिर गए हैं। अब हाल यह कि किसान मौसम के रूख से डरे हैं। अगले सपताह हथिया नक्षत्र प्रारंभ होने से अभी भी बरसात होने का अनुमान है। अब यदि पानी गिरा तो निश्चित ही धान की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। नाटी मंसूरी से इतर प्रजाति की बोआई करने वाले किसान अब मौसम से सशंकित हैं।

सर्विस लेन पर पुलिया निर्माण की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, पिपरीडीह (मऊ) : विकास खंड परदहा क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के किसानों ने शनिवार को सिक्स लेन के बगल में बन रहे सर्विस लेन पर पुलिया के निर्माण के लिए जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मांग किया कि पिछले दिनों यहां पर पुलिया प्रस्तावित थी लेकिन निर्माणाधीन कंपनी के इंजीनियर द्वारा पुलिया हटाने से भैंसही नदी का पानी गांव में घुस गया है। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आसपास के सभी गांव का पानी उसी पुलिया से नदी में जाता था लेकिन पुलिया के पास पिलर लगाकर उस पर मिट्टी डाल दी गई है। इससे बारिश का पानी अवरुद्ध हो गया है और किसानों की फसलें डूब चुकी है। सिक्स लेन के इंजीनियरों की लापरवाही से पिछले तीन वर्षों से किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है। कहा कि तीन वर्षों में हुए फसल के नुकसान को लेखपाल द्वारा सर्वे कराया जाए और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे द्वारा निर्माणाधीन कंपनी से किसानों के नुकसान की भरपाई की जाए। हीरा राम प्रजापति, सकलदीप, चंद्रदीप, अमन प्रजापति, कवली, शशिकला, सुमित्रा देवी, गामा, विनोद आदि थे।

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