लीजिए अब मशरूम के बिस्कुट, जेम्स, अचार व जेली भी
शैलेश अस्थाना मऊ महज एक कमरे में मशरूम उगाने वाले युवा सिविल इंजीनियर ज्योतिष सिंह अब मशरूम
शैलेश अस्थाना, मऊ :
महज एक कमरे में मशरूम उगाने वाले युवा सिविल इंजीनियर ज्योतिष सिंह अब मशरूम गुरु बन गए हैं। 30 साल के इस युवा ने मशरूम उत्पादन शुरू कर न खुद को आत्मनिर्भर बनाया बल्कि अब तक 75 लोगों को मशरूम उत्पादन से जोड़कर कमाई की नई राह दिखाई। लाकडाउन में उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने की समस्या आडे़ आई तो युवा ने मशरूम के बिस्कुट, जेम, जेली, अचार, पापड़, खीर आदि व्यंजन तैयार कर डाले। नायाब स्वाद व पोषक गुणों के कारण जल्द ही मशरूम के उत्पाद बाजार में जगह बनाने को तैयार हैं। बिना केमिकल के तैयार किया जा रहा है।
शहर के इमिलिया निवासी युवा ज्योतिष सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टार्ट अप इंडिया का नारा इस कदर भाया कि सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद नौकरी की मंशा त्याग खुद को स्वावलंबी बनाते हुए औरों के जीवन की आíथक इमारत गढ़ने में लगे हैं। दो वर्ष पूर्व मशरूम की खेती शुरू करने के बाद इस पर काफी अध्ययन किया। देश के प्रमुख संस्थानों और बडे़ उत्पादकों से जानकारी हासिल की। अब तक छह दर्जन से अधिक लोगों को मशरूम उत्पादन से जोड़ा। लोग इन्हें मशरूम गुरु कहने लगे। लाकडाउन में प्रसंस्करण से निकाला हल
लाकडाउन में उत्पाद को खपाने की समस्या, रोज कटाई और बाजार पहुंचाने की दिक्कत का प्रसंस्करण से समाधान निकाला। मा के अनुभवों से मशरूम के बिस्कुट, जेम्स, जेली, अचार, पापड़, खीर आदि बना डाला। आलू की तरह प्रयोग हो मशरूम
जगजाहिर है कि मशरूम प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है। ज्योतिष सिंह बताते हैं कि इसक प्रजातिया कई रोगों में औषधि का काम करती हैं। यह एक ऐसी सब्जी है जिसे सूखाकर काफी दिनों तक रखा जा सकता है। उपयोग के समय पानी में उबाल देने पर यह पुन: फूलकर पहले जैसा हो जाता है। खासियत है कि सुखाते समय यह विटामिन डी अवशोषित करता है, जो उबालने पर भी नष्ट नहीं होता। इसके गुणों को लोग जानें और सब्जी की तरह इस्तेमाल करें । मशरूम के उत्पादन से महज दो माह में 10 गुणा 12 फीट के कमरे से पचास से साठ हजार रुपये प्रतिमाह कमाए जा सकते हैं।