सदका लेने नूर का आया है तारा नूर का

तेरी नस्ले पाक में है बच्चा-बच्चा नूर का सदका लेने नूर का आ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:30 PM (IST)
सदका लेने नूर का आया है तारा नूर का
सदका लेने नूर का आया है तारा नूर का

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : 'तेरी नस्ले पाक में है बच्चा-बच्चा नूर का, सदका लेने नूर का आया है तारा नूर का। मक्की की आमद मरहबा-मदनी की आमद मरहबा।' इस्लामिक महीने रबीउलअव्वल की 12 वीं तिथि मंगलवार को ऐसे ही नारे पूरे नगर में गूंजे।

'जश्ने आमद-ए-रसूल' का कार्यक्रम सोमवार की रात नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया। मंगलवार की सुबह नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अल्पसंख्यक समुदाय के बुजुर्ग से लेकर युवा एवं बच्चे तक नगर के बड़ागांव स्थित मदरसा अरबिया अनवारुल कुरान पर एकत्रित हुए तो मौलाना जमाल मुस्तफा कादरी के नेतृत्व में निकले जुलूस-ए-मुहम्मदी की लंबाई दो किलोमीटर तक रही। जामा मस्जिद करीमुद्दीनपुर, कादरी मस्जिद अमजद नगर, मानिकपुर असना, बेलाल मस्जिद बैसवाड़ा, इस्लामपुर, मदापुर, रेलवे स्टेशन, जामडीह और बांध तकिया के जुलूस इसमें शामिल थे। नगर की सभी अंजुमनें नाते नबी पढ़ते हुए बड़ागांव बाजार, रेलवे फाटक और मधुबन मोड़ होते हुए मझवारा मोड़ पहुंचीं। मधुबन मोड़्र करीमुद्दीनपुर और अमजदी रोड़ से होता हुआ जुलूस वापस मदरसा पर पहुंचा। यहां पर सलाम दुआ के साथ जुलूस समाप्त हुआ।

chat bot
आपका साथी