बाल निकेतन ओवरब्रिज पर कोई सियासत नहीं, निर्माण तय

जागरण संवाददाता मऊ शहर के साढ़े तीन लाख लोगों की सबसे बड़ी समस्या बाल निकेतन रेलवे क्र

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:19 PM (IST)
बाल निकेतन ओवरब्रिज पर कोई सियासत नहीं, निर्माण तय
बाल निकेतन ओवरब्रिज पर कोई सियासत नहीं, निर्माण तय

जागरण संवाददाता, मऊ : शहर के साढ़े तीन लाख लोगों की सबसे बड़ी समस्या बाल निकेतन रेलवे क्रासिग पर प्रतिदिन कई बार लगने वाला जाम है। योगी सरकार ने जैसे ही अप्रैल-2020 में रेलवे क्रासिग पर ओवरब्रिज निर्माण की अपनी मंजूरी दी, प्रस्तावित ओवरब्रिज निर्माण मार्ग पर अतिक्रमण कर कब्जा जमाने वाले 296 लोगों ने सियासत तेज कर दी। यहां तक कि ओवरब्रिज निर्माण न होने देने के संबंध में तमाम दलीलें तैयार कर अतिक्रमण करने वालों ने कोर्ट कचहरी का भी चक्कर काटना शुरू कर दिया है।

उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता ने सोमवार को दो टूक कहा कि जीरो-बी ओवरब्रिज पर कोई सियासत शेष नहीं है, निर्माण तय है इसमें कोई संशय नहीं है। बता दें कि रेलवे व जिला प्रशासन के अभियंताओं ने कई दौर के सर्वे के बाद बालनिकेतन रेलवे क्रासिग पर अंडरपास संभव न होने की दशा में ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर उसकी मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार के विचारार्थ प्रस्ताव भेजा था। लाकडाउन के दौरान ही आठ अप्रैल 2020 को प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव को अपनी मंजूरी देते हुए ओवरब्रिज निर्माण की तैयारियों का जिम्मा उत्तर प्रदेश सेतु निगम को सौंप दिया। सर्वे के दौरान ही जिला प्रशासन ने ओवरब्रिज निर्माण के मार्ग में 296 अतिक्रमण भी चिन्हित किया है, जिसे ओबी निर्माण होने से पूर्व तोड़ा जाएगा। अवैध निर्माण करने वालों को जिला प्रशासन की ओर से नोटिस जारी होते ही संगठित हो गए और ओवरब्रिज निर्माण का कार्य लटक जाए, इसके लिए विधायकों-मंत्रियों से मिलने के साथ-साथ कोर्ट-कचहरी में भी तरह-तरह की अपीलें कर मामले को उलझाने की कोशिश में जुट गए। बालनिकेतन रेलवे क्रासिग का समाधान सैकड़ों धरना-प्रदर्शन के बाद भी न होने पर समाजसेवी देवप्रकाश राय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया। उच्च न्यायालय के निर्देश पर ही रेलवे, जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन गंभीर हुआ। ओबी निर्माण के संबंध में वर्तमान में सेतु निगम के अधिकारियों को पीडब्ल्यूडी मऊ की ओर से कुछ रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वर्जन ..

स्टीमेट के संबंध में पीडब्ल्यूडी को एक रिपोर्ट देनी है, जिसका इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर निर्माण की औपचारिकताएं आगे बढ़ाई जाएंगी।

- आरएस राय, उप परियोजना निदेशक, सेतु निगम। वर्जन ..

जिले में सड़कों व पुलों के लगभग 200 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। सभी निर्माण और विकास की परियोजनाएं पूरी होंगी। जनहित में जीरो-बी ओवरब्रिज का निर्माण रोका नहीं जा सकता। सरकार इसकी मंजूरी बहुत पहले ही दे चुकी है।

- प्रवीण गुप्ता, जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, मऊ।

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