आउटर कनेक्टिविटी' नहीं, इसलिए सुरक्षित
इवीएम यानि इलेक्ट्रानिक वो¨टग मशीन पर लगातार राजैनतिक दलों द्वारा उठाए गए सवाल पर चुनाव आयोग भी गंभीर है। इसको लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट में इवीएम मशीन की प्राथम स्तरीय जांच कर माकपोल कराया गया। इसमें बीइएल के इंजिनियरों ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त कराया कि मशीन को कहीं से भी आउटर कनेक्टिविटी से नहीं जोड़ा जा सकता, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता। इस दौरान सभी अधिकारियों को भी नई इवीएम मशीन के विभिन्न पहलूओं से रू-ब-रू कराते हुए लगभग 2700 वोट भी डाले गए। अब जबकि माकपोल पूर्ण हो चुका है तो इवीएम स्ट्रांग रूम को भेज दी गई। जहां डीएम, एसपी की मौजूदगी में सील कर दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, मऊ : इवीएम यानि इलेक्ट्रानिक वो¨टग मशीन पर लगातार राजैनतिक दलों द्वारा उठाए गए सवाल पर चुनाव आयोग भी गंभीर है। इसको लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट में इवीएम मशीन की प्रथम स्तरीय जांच कर मॉक पोल कराया गया। इसमें बीइएल के इंजीनियरों ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त कराया कि मशीन को कहीं से भी आउटर कनेक्टिविटी से नहीं जोड़ा जा सकता, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता। इस दौरान सभी अधिकारियों को भी नई इवीएम मशीन के विभिन्न पहलूओं से रू-ब-रू कराते हुए लगभग 2700 वोट भी डाले गए। अब जबकि मॉक पोल पूर्ण हो चुका है तो इवीएम स्ट्रांग रूम को भेज दी गई। जहां डीएम, एसपी की मौजूदगी में सील कर दी जाएगी।
कलेक्ट्रेट में बीइएल के इंजीनियर रवि केशरी के नेतृत्व में टीम ने नई एम-3 मशीन की विशेषज्ञता को बताया। विशेषज्ञों ने बताया कि मशीन को किसी भी प्रकार के ब्लूटूथ व वाई-फाई से कनेक्ट नहीं कराया जा सकता। मशीन में बाहरी छेड़छाड़ संभव ही नहीं है। इस दौरान मौजूद इवीएम के दो फीसदी मशीन में 500 वोट, 1000 वोट व एक फीसदी में 1200 वोट पोल किए गए। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को पूरी तरह से इवीएम से नि¨श्चत कराया गया। इसके बाद विशेषज्ञों ने मास्टर ट्रेनरों, सभी एसडीएम, तहसीलदार को वो¨टग के दौरान आने वाली समस्या से निवारण बताए गए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी व उप जिला निर्वाचन अधिकारी डीपी पाल, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी आलोक कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आइएएस अतुल वत्स व डा. अंकुर लाठर सहित मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे।