एक दिन की बारिश में कीचड़युक्त झील बना नदवासराय
अन्य जनपद सड़क (ओडीआर) में शुमार 10 किमी लंबा घोसी-नदवासराय मार्ग कहने को चिरैयाकोट-मुहम्मदाबाद-नदवासराय-घोसी-मधुबन मार्ग का हिस्सा है पर इसे सर्वाधिक उपेक्षित कहना तनिक अतिश्योक्ति न होगा। गुरुवार की रात से शुक्रवार तक हुई बारिश के बाद उत्पन्न स्थिति ने इस सड़क पर राहगीरों एवं दोपहिया वाहनों का गुजरना मुश्किल कर दिया है।
जासं, घोसी/नदवासराय (मऊ) : अन्य जनपद सड़क (ओडीआर) में शुमार 10 किमी लंबा घोसी-नदवासराय मार्ग कहने को चिरैयाकोट-मुहम्मदाबाद-नदवासराय-घोसी-मधुबन मार्ग का हिस्सा है पर इसे सर्वाधिक उपेक्षित कहना तनिक अतिश्योक्ति न होगा। गुरुवार की रात से शुक्रवार तक हुई बारिश के बाद उत्पन्न स्थिति ने इस सड़क पर राहगीरों एवं दोपहिया वाहनों का गुजरना मुश्किल कर दिया है।
घोसी-नदवासराय-मुहम्मदाबाद गोहना मार्ग का अस्तित्व परतंत्र भारत से है। वर्ष 1962 में सड़क पर कंकड़ एवं पत्थर डाले गए। वर्ष 1972 में सड़क को प्रथम बार पिच किया गया। नदवासराय से जीयनपुर होते हुए एक मार्ग आजमगढ़ जाता है तो नदवासराय से आजमगढ़ जाने को दूसरा मार्ग मुहम्मदाबाद होकर है। बहरहाल गत प्रदेश सरकार ने चिरैयाकोट से मधुबन तक वाया मुहम्मदबाद एवं घोसी 52.1 किमी सड़क के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 87 करोड़ से अधिक की राशि फरवरी 16 में स्वीकृत किया। चिरैयाकोट से देवलास तक एवं बीच में कुछ दूर तक छोड़ कर आरीपुर-सरायगंगा पबी की सीमा तक सड़क का निर्माण हुआ। बीते वर्ष नदवासराय पुलिस चौकी से लेकर भिखारीपुर तक सड़क बनी पर समूची राशि आवंटित न होने के चलते सरायगंगा पबी से नदवासराय पुलिस चौकी एवं भिखारीपुर से घोसी के बीच सड़क जस की तस है। गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की दोपहर तक हुई बारिश के चलते समूची सड़क जलाशय बन गई। शनिवार को तीसरे दिन स्थिति यह रही कि वाहनों के आवागमन से छोटे गड्ढों का पानी सड़क पर फैल कर कीचड़ बन गया है तो बड़े गड्ढे अब भी सड़क को कीचड़युक्त झील का स्वरूप दे रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिक डा. ईशदत्त सिंह, संतोष, रमेश, फैसल एवं ओमप्रकाश ने लोक निर्माण विभाग से इस सड़क के सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण की अपेक्षा की है।