प्राथमिक विद्यालयों में अधिकांश बच्चे बिना स्वेटर के ही आ रहे पढ़ने

जागरण संवाददाता मऊ प्रतिदिन ठंड और ठिठुरन बढ़ती जा रही है। गांव की पगडंडियों पर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:55 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:55 PM (IST)
प्राथमिक विद्यालयों में अधिकांश बच्चे बिना स्वेटर के ही आ रहे पढ़ने
प्राथमिक विद्यालयों में अधिकांश बच्चे बिना स्वेटर के ही आ रहे पढ़ने

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रतिदिन ठंड और ठिठुरन बढ़ती जा रही है। गांव की पगडंडियों पर मासूम बचपन ठंड से सिकुड़ता-दौड़ता प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने जा रहा है। अधिकांश बच्चों के पैरों में न तो जूते दिखाई दे रहे हैं और न ही उन्होंने स्वेटर पहना है। किसी के पास पुरानी यूनिफार्म थी तो वह पहनकर भले आ रहा है, लेकिन नई कहीं-कहीं बमुश्किल नजर आ रही है। वजह साफ है कि इस बार शासन ने यूनिफार्म स्वयं न बंटवाकर अभिभावकों के खाते में सीधे 1100 रुपये भेज दिया है। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों के अभिभावक अत्यंत गरीब हैं, लिहाजा शिक्षकों को यह डर भी सता रहा है कि कहीं बच्चे कांपते ही न रह जाएं और यूनिफार्म के लिए भेजी गई रकम घर खर्च में ही न व्यय हो जाए।

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सौसरवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामनिवास मौर्य ने बताया कि अभिभावकों को बार-बार बुलाकर बच्चों को यूनिफार्म दिलवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन वे नहीं सुन रहे हैं। कुछ छात्रों के अभिभावकों ने खरीदा है तो कुछ छात्र पुरानी से ही काम चला रहे हैं। शिक्षक ज्योतिद्रपति पांडेय ने कहा कि इस वर्ष डीबीटी के जरिए जूता-मोजा, स्वेटर, शर्ट-पैंट आदि का पैसा सीधे अभिभावकों के खाते में शासन की ओर से भेजा गया है। इसलिए शिक्षक चाह कर भी अभिभावकों से कहने-सुनने और दबाव बनाने से अधिक क्या कर सकते हैं। उधर, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि लगभग 70 प्रतिशत छात्रों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए यूनिफार्म का पैसा भेज दिया गया है। शेष के खाते में भी रकम शीघ्र पहुंचने वाली है। डीबीटी के माध्यम से 70 प्रतिशत प्राथमिक छात्रों के अभिभावकों के खाते में यूनिफार्म व स्वेटर की धनराशि भेजी जा चुकी है। इसे नहीं खरीदने वाले अभिभावकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रधानाध्यापकों से इसकी रिपोर्ट तलब की जाएगी।

- डा.संतोष कुमार सिंह, बीएसए, मऊ।

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