निजी हाथों में नौकरी सौंपे जाने पर बिफरे मनरेगा कर्मी

फोटो 12 कार्य बहिष्कार.. सेवा प्रदाता कंपनियों को अधिकार देने का विरोध ठेकेदारी प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:53 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:53 PM (IST)
निजी हाथों में नौकरी सौंपे 
जाने पर बिफरे मनरेगा कर्मी
निजी हाथों में नौकरी सौंपे जाने पर बिफरे मनरेगा कर्मी

फोटो 12:: कार्य बहिष्कार..

सेवा प्रदाता कंपनियों को अधिकार देने का विरोध, ठेकेदारी प्रथा बर्दाश्त नहीं

सबहेड--

- संविदाकर्मियों ने विकास भवन पर किया प्रदर्शन, 10 सूत्रीय सौंपा मांग पत्र

- मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से प्रवासी श्रमिकों सहित मजदूरों पर बढ़ा संकट

जागरण संवाददाता, मऊ : सेवा प्रदाता कंपनियों यानी निजी हाथों में मनरेगा कर्मियों को सौंपे जाने का विरोध अब बड़े स्तर पर शुरू हो गया है। जनपद में उत्तर प्रदेश मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले संविदाकर्मी विरोध पर उतर आए हैं। मंगलवार को संविदाकर्मियों ने सरकार के फैसले के विरोध में विकास भवन के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया। कर्मियों ने मुख्य विकास अधिकारी को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए मांगे नहीं माने जाने तक पूर्ण कार्य बहिष्कार का एलान किया। ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमण के दौरान एकाएक मनरेगा कर्मियों के हाथ खड़ा कर लेने से शहरों से पलायन कर आए बड़ी तादाद में प्रवासी श्रमिकों व जाबकार्ड धारकों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जिन संविदा कर्मियों के बदौलत प्रदेश ने बीते दो वर्षों राष्ट्रीय पुरस्कार पाया। अब प्रदेश सरकार ने उन्हीं कर्मचारियों को ठेकेदारों के हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से जिस मनरेगा को संविदा कर्मी अपने खून-पसीने से मनरेगा को चलाने का काम कर रहे हैं। छह-छह महीने तक बिना मानदेय मिले संविदा कर्मी काम करते हैं। जिसके दम पर उत्तर प्रदेश को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, परंतु प्रदेश सरकार संविदाकर्मियों का शोषण कर रही है। सभी कर्मियों को ठेकेदारी प्रथा के अधीन करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं होगा। जिलाध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से कहा कि आपको जो नई भर्ती करनी है, उसे अपने गाइडलाइन से करिए परंतु डेढ़ दशक से मनरेगा की सेवा दे रहा कर्मचारी अब ठेकेदारों के अधीन काम नहीं करेगा। बताया कि आज से सभी संविदाकर्मी कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं, जब तक सरकार कर्मचारियों के हित में फैसला नहीं लेती है, तब तक बहिष्कार जारी रहेगा। इसमें मनरेगा इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामसरीख यादव, कम्प्यूटर आपरेटर एसोसिएशन अध्यक्ष शहनशाह आलम, ग्राम रोजगार सेवक संघ अध्यक्ष वेदप्रकाश गुप्ता, लेखा सहायक संघ अध्यक्ष संतोष गुप्ता आदि संविदा कर्मी शामिल थे। मनरेगा में संविदाकर्मियों का आंकड़ा--

11 - एपीओ

52 - तकनीकी सहायक

441 - रोजगार सेवक

06 - लेखा सहायक

09 - आपरेटर

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