पारा लुढ़का, कोहरे से जनजीवन ठहरा

मौसम की मार.. -अधिकतम 18 व न्यूनतम 06 डिग्री सेंटीग्रेड पर पहुंचा गया पारा -भीषण गलन व क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:01 PM (IST)
पारा लुढ़का, कोहरे से जनजीवन ठहरा
पारा लुढ़का, कोहरे से जनजीवन ठहरा

मौसम की मार..

-अधिकतम 18 व न्यूनतम 06 डिग्री सेंटीग्रेड पर पहुंचा गया पारा -भीषण गलन व कोहरे की चपेट में रहा जिला, ठंड के बीच त्योहार जागरण संवाददाता, मऊ : पिछले तीन दिनों से मौसम कहर बरपा रहा है। पारा लुढ़कता जा रहा है। गलन ने पूरे जनजीवन को अपनी चपेट में ले लिया है। मौसम की मार से हर प्राणी बेजार है। दिन हो या रात कोहरे की धुंध में देख पाना मुश्किल हो जा रहा है। गुरुवार को अधिकतम पारा लुढ़क कर 18 डिग्री सेंटीग्रेड पर आ गया। जबकि न्यूनतम तापमान 06 डिग्री पर सिमट गया। सुबह से लेकर शाम तक आसमान में बादल छाए रहे। पूरे दिन सूर्यदेव का दर्शन नहीं हुआ। भीषण ठंड और गलन के बीच लोगों ने मकर संक्रांति का पर्व मनाया। हालांकि लोगों की मान्यता है और अमूमन आम तौर पर मकर संक्रांति के दिन दोपहर बाद धूप निकल आती है मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। सर्द हवाएं चलने से जनजीवन पूरी तरह से ठिठुर गया। नगर पालिका की तरफ से कुछ स्थानों पर अलाव की व्यवस्था तो की गई लेकिन अभी अन्य स्थानों पर अलाव नहीं जल रहे हैं।

घोसी प्रतिनिधि के अनुसार कई दिनों से रुख बदलते मौसम ने मकर संक्रांति के दिन सुबह से ही रंग बदला तो लोगों की पूरी दिनचर्या ही बदल गई। तापमान में गिरावट के बीच प्रवाहित हो रही पश्चिमी हवा ने आम इंसान ही नहीं वरन पशु-पक्षी तक को प्रभावित कर दिया है। इस सप्ताह एक दिन के अंतराल के बाद बदलते मौसम एवं गिरते तापमान के बीच सुबह का आगाज घने कोहरे से हो रहा है। मकर संक्रांति के दिन तो स्थिति ऐसी की स्नान एवं पूजन के दौरान हाड़ कांप गया।

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