खास औषधीय गुणों की खान है आम

आम के आम और गुठलियों के दामकी कहावत यूं ही प्रसिद्ध नहीं है। यह कहावत आम के बेहद लाभप्रद होने का प्रमाण है। एशिया महाद्वीप में इसे फलों का राजा कहा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 07:06 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 07:06 PM (IST)
खास औषधीय गुणों की खान है आम
खास औषधीय गुणों की खान है आम

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) :'आम के आम और गुठलियों के दाम'की कहावत यूं ही प्रसिद्ध नहीं है। यह कहावत आम के बेहद लाभप्रद होने का प्रमाण है। एशिया महाद्वीप में इसे फलों का राजा कहा गया है। सनातन धर्म में बेहद पवित्र वृक्ष के रूप में मान्यता प्राप्त आम फल एवं छाया के साथ ही बेहद गुणकारी भी है। इसके तना, पत्ती, फल, फूल एवं बीज (गुठली) में अलग-अलग औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसकी गुठली के तेल का सेवन करने से बाल वृद्धावस्था तक काले रहते हैं।

नगर के सुप्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सक एवं इंटरनेशनल नेचुरोपैथ योग एवं ड्रग सिस्टम के सदस्य डॉ.रामनिवास शर्मा एनाकार्डेएसिया कुल के मैग्नीफेरा इंडिका नामक इस पौधे को आयुर्वेद से लेकर भारतीय ग्रंथों एवं वेदों में विशेष महत्ता दिए जाने की बात करते हैं। हर शुभ कार्य में इसकी पत्तियों का प्रयोग अनिवार्य है। मांगलिक कार्य में इसकी ही लकड़ी का पीढ़ा बनता है। इसकी बीजू एवं कलमी दो प्रजातियों में से बीजू प्रजाति के फल में रेशा होने के चलते इसकी औषधीय महत्ता काफी अधिक है। हालांकि कलमी आम खाने में सर्वाधिक प्रयुक्त होता है। विदेशों में भारतीय आम की मांग अधिक होने से तमाम किसान इसके बगीचे से आय अर्जित करते हैं। दीर्घायु एवं विशाल होने के चलते आम का वृक्ष पर्यावरण संरक्षण में काफी सहायक है। औषधीय गुण धर्म :

इसकी पत्ती में सुगंधित तेल होता है जिसमें पेट्रोल जैसे गुण होते हैं। इसकी बौर (फूल) मादक होती है। इसकी बौर प्रमेह एवं कफनाशक होती है। इसकी जड़ मलरोधक होती है जबकि वमन, अतिसार एवं हृदय रोग नियंत्रण में इसकी गुठली कारगर है। आम की गुठली दस्त एवं वात रोग रोधी है। घरेलू नुस्खा :

आम के पन्ना का सेवन करने से धूप एवं लू नहीं लगती है। कच्चे आम को भून कर नीबू, नमक और गुड़ के साथ सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज की कमी समाप्त हो जाती है।आम की गुठली का चूर्ण अतिसार में लाभदायक है जबकि आम की गुठली के तेल का नियमित सेवन करने से सफेद बाल काले हो जाते हैं जबकि काले बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं। इससे इतर दाद, खाज एवं खुजली सहित शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी यह सहायक है।

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