आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए लग गए कई आक्सीजन प्लांट

जागरण संवाददाता मऊ कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से जहां लोग अपने मां पित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:02 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:02 PM (IST)
आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए लग गए कई आक्सीजन प्लांट
आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए लग गए कई आक्सीजन प्लांट

जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से जहां लोग अपने मां, पिता, रिश्तेदारों से बिछड़ गए, वहीं कई का तो इलाज ही नहीं हो पाया। स्थिति यह थी कि जनपद के प्राइवेट अस्पताल बेड फुल होने की बात कर कोविड मरीजों की भर्ती नहीं कर रहे थे। इसमें कई लोगों की मृत्यु तो उपचार के अभाव में हो गई। अब तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। उधर, टडियांव स्थित अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की जहां सुविधा कर दी गई है वहीं आक्सीजन प्लांट भी लगा दिया गया है। इसके अलावा जनपद के कई अन्य अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन की सुविधा शुरू कर दी गई है।

जिले में 53 अस्पताल हैं। इसमें 10 सीएचसी, 40 पीएचसी के अलावा जिला व महिला चिकित्सालय हैं। इसमें जिला अस्पताल, महिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी पर कोविड जांच की सुविधा हैं। चार रैपिड व तीन मोबाइल टीम भी कोविड की जांच कर रही है। इसके अलावा 62 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। दूसरी लहर जब शुरू हुई तो केवल जिला अस्पताल, बापू आयुर्वेदिक अस्पताल कोपागंज को एल-वन, परदहां को एल-टू अस्पताल बनाया गया। इन्हीं में कोविड के मरीजों को भर्ती किया जा रहा था। सभी सरकारी अस्पताल फुल हो गए तो महकमा ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बनाने की हरी झंडी दे दी। शारदा नारायण अस्पताल को 100 बेड की स्वीकृति दी गई। फातिमा हास्पिटल, प्रकाश हास्पिटल में कोविड मरीजों को भर्ती किया जा रहा था। यह सारे अस्पताल फुल हो गए। हालात यह हुई कि मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वजनों को मशक्कत करनी पड़ी।

यही नहीं यहां से लोगों को पीजीआइ आजमगढ़ रेफर किया जा रहा था। कुछ लोग पीजीआइ, बीएचयू तक पहुंच गए लेकिन जान बचाना मुश्किल हो गया। यही नहीं ताजोपुर स्थित आक्सीजन प्लांट से आजमगढ़ व गोरखपुर को भी आक्सीजन भेजा जा रहा था। इसकी वजह से यहां आक्सीजन की कमी पड़ रही थी जितना आक्सीजन प्रतिदिन उत्पादित होता था, उससे अधिक डिमांड थी। ऐसे में तमाम लोगों की मौत तो आक्सीजन की कमी की वजह से हुई।

टडियांव स्थित अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की जहां सुविधा कर दी गई है वहीं आक्सीजन प्लांट भी लग गया है। इसके अलावा अभी महिला अस्पताल के सीएचसी परदहां और मुहम्मदाबाद में आक्सीजन प्लांट पाइप लाइन में है। जबकि जिला महिला अस्पताल में अभी प्लांट प्रस्तावित है। नगर के दो निजी अस्पतालों शारदा नारायण व फातिमा में आक्सीजन की उपलब्धता की गई है। फिलहाल अभी जनपद में आक्सीजन की आपूर्ति परदहां के औद्योगिक क्षेत्र स्थित निजी प्लांट से की जा रही है। इससे सात एमटी का उत्पादन किया जा रहा है। इसी प्लांट से परदहां के एल-2 अस्पताल के साथ बापू आयुर्वेदिक एल-1 अस्पताल सहित निजी अस्पताल और होम आइसोलेट मरीजों को आपूर्ति दी जा रही है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के अंदेशे को लेकर आक्सीजन प्लांट लगाने पर जोर दिया जा रहा है। अभी निजी प्लांट से उत्पादन हो रहा है। जबकि एक प्लांट बनकर तैयार है। दो प्लांट पाइप लाइन में हैं जबकि तीन प्रस्तावित है।

- डा. एसएन दूबे, मुख्य चिकित्साधिकारी

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