कायम रही नारदी की परंपरा

मऊ : नगर का ऐतिहासिक भरत मिलाप अपनी कई परंपराओं के कारण अनूठा है। शीतला माता मंि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Oct 2017 08:19 PM (IST) Updated:Mon, 02 Oct 2017 08:19 PM (IST)
कायम रही नारदी की परंपरा
कायम रही नारदी की परंपरा

मऊ : नगर का ऐतिहासिक भरत मिलाप अपनी कई परंपराओं के कारण अनूठा है। शीतला माता मंदिर से भव्य आरती के बाद चला भगवान राम का विमान जैसे-जैसे नंदी ग्राम की तरफ बढ़ता है वैसे-वैसे इसके आयोजन की विशेषताएं इसे वैशिष्ट्य रूप प्रदान करती है। यही कारण है कि मनोरंजन के बढ़ते साधनों के बाद भी लोक मानस इस लुभावने दृश्य को देखने अपने आप खींचा चला आता है। रात 10 बजे से लेकर भोर के पांच बजे के लम्बे समय तक विमान के आगे चलने वाला श्रद्धालुओं का एक ऐसा समूह होता है जो गायन की अनूठी परंपरा की मिसाल पेश करता है। दूसरे शब्दों में इस भजन को नारदी का रूप दिया जाता है। यह शास्त्रीय संगीत विधा पर आधारित एक ऐसा भजन है जो आधुनिक समय में कम जगह ही देखने को मिलता है। यह एक ऐसा गीत है जिसमें छह राग, 36 रागिनियां हैं। हर घंटे इनका स्वर बदलता रहता है। नगर के बुजुर्ग इस अनोखी परंपरा को सैकड़ों साल से मर्यादा के साथ निभाते आ रहे हैं।

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