बंदी के बाद खुले बाजार, घंटों लगा जाम
कोरोना महामारी के मद्देनजर चल रही दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी के बाद।
जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना महामारी के मद्देनजर चल रही दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी के बाद सोमवार को बाजार खुलते ही शहर में जाम लगने का सिलसिला सुबह नौ बजे से शुरू हो गया। दिन के 10 बजते-बजते आजमगढ़ मोड़ से गाजीपुर तिराहा एवं बलिया मोड़ से भुजौटी तक जाम के बीच वाहनों की ऐसी कतार लगी कि अधिकारी अपनी कालोनियों से एनएच पर भी नहीं पहुंच पाए। कुछ ही देर बाद जाम से पूरा शहर कराह उठा। भीषण गर्मी एवं उमस में सड़क पर फंसे वाहनों में दर्जनों लोगों की हालत खराब हो गई। आजमगढ़ मोड़ पर बसों एवं कारों की खिड़कियों से लोग उल्टियां पर उल्टियां करने लगे। सड़क पर भीड़ और जाम देख शहर के लोग बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां भूल गए।
सुबह कोपागंज से कुछ आगे बढ़ते ही भुजौटी से हाईवे पर जाम का सिलसिला शुरू हो गया। 10 बजने से पहले ही जिलाधिकारी आवास के आगे तक जाम लग चुका था। पुलिस अधीक्षक आवास के सामने पुलिस कर्मियों के जाम हटाने के अथक प्रयास के लगभग एक घंटे बाद सिटी मजिस्ट्रेट, सीडीओ, जिला विद्यालय निरीक्षक आदि अधिकारी अपने कार्यालय किसी तरह पहुंच पाए। कलेक्ट्रेट व विकास भवन से जुड़े कई अधिकारी लगभग 13 किलोमीटर की दूरी घूम कर सहरोज-मतलूपुर मोड़ होते हुए अपने-अपने कार्यालय पहुंच पाए। उधर, दोपहर आते-आते मऊ-मुहम्मदाबाद गोहना मार्ग पर आजमगढ़ मोड़ के पास जाम लग गया। मुंशीपुरा ओवरब्रिज से आजमगढ़ मोड़ व गाजीपुर तिराहा तक सड़क पर तिल रखने की जगह नहीं बची। जाम के बीच लोग घंटों कराहते रहे। जाम के आगे यातीयात पुलिस की सारी व्यवस्था बौनी साबित हुई। उमस के बीच जाम में फंसकर घंटों लोग बिलबिलाते और उल्टियां करते रहे। पूरे दिन कमोबेश जाम की यही स्थिति बरकरार रही। --------------------
बड़े नाले से निकले मलबे ने मचाई खलबली
मुंशीपुरा ओवरब्रिज से आजमगढ़ मोड़ तक बड़े नाले से निकले मलबे को सड़क पर ही सूखने के लिए रखा गया था। मलबे की बदबू व उमस के चलते जाम में फंसे लोगों का सांस लेना दुश्वार हो गया। भीषण दुर्गंध के बीच लोगों को रुकना पड़ा, जिससे कई चक्कर खाकर गिर गए तो कुछ उल्टियां करने लगे।