शिकायत के बाद जांच टीम पहुंची गांव
कोपागंज ब्लाक क्षेत्र के देवकली विशुनपुर में कोटेदार द्वारा महीनों से दर्जनों महिलाओं से अंगूठा लगवाने के बाद भी राशन नही दिया जा रहा था। कोरोना काल में जब लोगों को परेशानी होने लगी तो ग्राम सभा के इसका विरोध करना शुरू कर दिया। गुरूवार को जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर को संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को जिला पूर्ति अधिकारी ने दो इंस्पेक्टर एवम लिपिक को मौके पर भेज कर जांच करने का आदेश देते हुए रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया। जांच टीम ने महिलाओं की समस्याओं से अवगत हुई और कहा कि कोटेदार की गलती है आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, पुराघाट (मऊ) : कोपागंज ब्लाक क्षेत्र के देवकली विशुनपुर में कोटेदार द्वारा महीनों से दर्जनों महिलाओं से अंगूठा लगवाने के बाद भी राशन नहीं दिया जा रहा था। कोरोना काल में जब लोगों को परेशानी होने लगी तो ग्रामसभा के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। गुरुवार को जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर को संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को जिला पूर्ति अधिकारी ने दो इंस्पेक्टर एवं लिपिक को मौके पर भेज कर जांच करने का आदेश दिया। तत्काल रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा। जांच टीम महिलाओं की समस्याओं से अवगत हुई और कहा कि कोटेदार की गलती है। आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा पात्र लोगों को निश्शुल्क राशन वितरित कर रही है। कुछ लोग इस संकट की घड़ी में भी गरीबों के हिस्से का हक लूटने पर आमादा हैं। लॉकडाउन में भी लोगों से अंगूठा लगवाकर पैसा लेकर भी महीनों से दर्जनों महिलाओं को राशन नहीं दिया गया तो बुधवार को महिलाओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कोटेदार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस खबर को जागरण ने प्रकाशित किया। खबर पर सदर एसडीएम ने पूर्ति अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया था। जब पूर्ति इंस्पेक्टर गांव पहुंचे तो उस समय कोई नहीं मिला। दुबारा जिलापूर्ति अधिकारी हिमांशु द्विवेदी ने शुक्रवार को दो पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय, सौरभ सिंह एवं लिपिक गगन सिंह को मौके पर भेज रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया। जांच अधिकारी जब गांव पहुचे तो वहां मौजूद चनरमी, राजदेई, गीता, पुष्पा, कलावती, निर्मला, मालती, चंदा, रामायन, हरिश्चंद्र, चंपा की समस्या को सुना। इसके बाबत जब अधिकारियों ने कोटेदार से पूछा गया तो उसने अपनी गलती स्वीकार किया।