सहादतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ेगी पुलिस की गश्त
औद्योगिक क्षेत्र में किसी भी तरह की अशांति स्वीकार नहीं की जाएगी। उद्यमी किसी भी प्रकार से स्वयं को असुरक्षित न महसूस करें इसके लिए सहादतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी। यदि इधर-उधर बैठकर कोई नशे का सेवन करता मिला तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह बातें विकास भवन में उद्योग बंधु की बैठक के दौरान सीडीओ रामसिंह वर्मा ने कहीं।
जागरण संवाददाता, मऊ : औद्योगिक क्षेत्र में किसी भी तरह की अशांति स्वीकार नहीं की जाएगी। उद्यमी किसी भी प्रकार से स्वयं को असुरक्षित न महसूस करें इसके लिए सहादतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी। यदि इधर-उधर बैठकर कोई नशे का सेवन करता मिला तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह बातें विकास भवन में उद्योग बंधु की बैठक के दौरान सीडीओ रामसिंह वर्मा ने कहीं।
इससे पहले उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। एक जनपद एक उत्पाद योजना में उपलब्धि केवल 66 प्रतिशत रहने पर सीडीओ ने इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिए। वहीं, सीडीओ रामसिंह वर्मा ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत का कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उद्यमियों की ओर से जलनिकासी का ठोस इंतजाम न होने का सवाल उठाए जाने पर सीडीओ ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को वाटर लेवल चेक कर नाले का उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्यमी मौजूद थे।
नाविकों को नहीं मिली मजदूरी, सौंपा पत्रक
जागरण संवाददाता, मऊ : बाढ़ में लगाए गए नाविकों की प्रशासन की तरफ से अभी तक मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है। इससे उनके समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। यही नहीं खनन बंद होने से उनका रोजी रोटी का साधन भी बंद हो गया है।इसे लेकर निषाद समाज बालू खनन श्रमिक संघ व नाव सुरक्षा कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्रक जिलाधिकारी को सौंपा और मजदूरी भुगतान की मांग की।
अध्यक्ष प्रेमचंद निषाद ने कहा कि जनपद में बालू खनन बंद होने की वजह से सभी नावें पानी में मरम्मत के अभाव में खराब हो रही है। ऐसे में नाविकों को नाव की मरम्मत के लिए अहेतुक सहायता प्रदान की जाए। जनपद में बंद पड़े बालू खनन घाटों को चालू कराया जाए। इसके अलावा नाव सहित नाविक भर्ती , निषाद नाविकों की गोताखोर की भर्ती सरकारी विभाग बनाकर कराया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में संजय निषाद, जोंगेंद्र, अर्जुन साहनी, रामकृष्ण निषाद, रामव्रेश साहनी, महेश निषाद आदि शामिल थे।