जनपद में 22 टीबी के नए मरीजों की पहचान

जागरण संवाददाता मऊ वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:48 PM (IST)
जनपद में 22 टीबी के नए मरीजों की पहचान
जनपद में 22 टीबी के नए मरीजों की पहचान

जागरण संवाददाता, मऊ : वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत जनपद में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। अब तक जिले में 22 टीबी के नए मरीजों की पहचान की जा चुकी है। यह सफलता क्षय रोग को दस्तक अभियान से जोड़ने से मिल रही है। इससे दूरदराज के भी टीबी रोगियों की पहचान आसानी से हो जा रही है। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी लगाया गया है। इसी के साथ डेंगू, फाइलेरिया और जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) से ग्रसित मरीजों की भी आसानी से पहचान की जा रही है।

सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) के तहत पहले कुल आबादी का सिर्फ 10 प्रतिशत क्षेत्र ही कवर होता पाता था। जबकि अब दस्तक अभियान के कारण इसका दायरा बढ़ गया। मरीजों की जांच के बाद पाजिटिव आने पर उनका उपचार किया जा रहा है। इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी दिए जा रहे हैं। टीबी रोगियों को खोजने पर आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। जिला पब्लिक-प्राइवेट मिक्स समन्वयक (डीपीपीएमसी) जयदेश के अनुसार वर्तमान में जिले में 1872 टीबी रोगियों का निश्शुल्क इलाज किया जा रहा है। इसमें 1361 मरीज राजकीय और 511 निजी क्षेत्र के शामिल हैं।

टीबी के लक्षण ..

-दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना

-खांसी के साथ बलगम का आना

-बलगम के साथ खून आना, बुखार आना

-वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द

केस-एक

जिले के भैसाखरग निवासी 45 वर्षीय हीरा ने बताया कि मुझे हमेशा बुखार आता रहता था। एक दिन आशा बिदु देवी के साथ कुछ लोग आए और जांच की तो टीबी पाजिटिव निकला। उसके बाद से विभाग के लोग समय-समय पर घर तक दवा पहुंचा देते हैं।

केस-दो

जिले के बुढ़ावर निवासी 37 वर्षीय कामिनी राय ने बताया कि पिछले दस्तक अभियान में आशा विद्यावती देवी टीम के साथ घर आईं। मैं बहुत दिन से खांसी की समस्या से परेशान थी। आशा की मदद से बलगम की जांच कराई। जांच में टीबी पाजिटिव निकला। इसके बाद विभाग के लोग निश्शुल्क दवा दे रहे है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराया है। टीबी के मरीज खांसते व छींकते समय अपने नाक व मुंह को कपड़े ढंककर रखें। इधर-उधर न थूकें। टीबी का इलाज संभव है। खांसी ज्यादा दिन से आ रही हो जांच कराकर निश्शुल्क उपचार कराएं।

-डा. एसएन दुबे, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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